छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में तेंदूपत्ता संग्राहकों के राशि वितरण में हुए घोटाले और कार्रवाई को लेकर जिला पंचायत सदस्य हुंगाराम मरकाम ने साय सरकार और मंत्री केदार कश्यप का आभार व्यक्त किया है। श्री मरकाम ने कहा कि, कांग्रेस शासन और सुकमा जिले में पूर्व मंत्री कवासी लखमा के मंत्रीत्वकाल में किये गए घोटालों पर नकेल कसने कार्रवाई करने का काम साय सरकार में हो रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि सुकमा जिला में तेंदूपत्ता संग्राहकों को दो साल की बोनस राशि में प्रबंधकों ने केवल एक साल का ही भुगतान किया। वो भी आधा-अधूरा। वनमंडल सुकमा के कोंटा, किस्टाराम और गोलापल्ली वन परिक्षेत्र में कई फर्जी संग्राहकों के नाम पर भुगतान दर्शाया गया। भाजपा सरकार द्वारा जांच कराये जाने पर जांच के दौरान मामला उजागर हुआ। कई ऐसे संग्राहकों को भी राशि दी गई है, जिनकी मौत सालों पहले हो चुकी है।
समिति प्रबंधक खा गए पैसे
जिला पंचायत सदस्य हुंगाराम मरकाम ने आगे कहा कि, सुकमा वनमंडल के तहत तेंदूपत्ता सीजन वर्ष 2021 में 15 समिति और वर्ष 2022 में 10 समितियों में कुल 65471902 रुपए की राशि बोनस के रूप में मिली थी। इसे सुकमा वनमंडल के करीब 66 हजार संग्राहकों को भुगतान किया जाना था। इस राशि को बीते अप्रैल में ही समिति प्रबंधकों ने आहरण कर लिया और 8 महीने तक इसका भुगतान संग्राहकों को नहीं किया। नक्सलवाद और संवेदनशीलता का हवाला देकर अफसरों ने 36278881 की राशि का वितरण नगद करने विशेष अनुमति ली।
मंत्री केदार कश्यप का जताया आभार
श्री मरकाम ने कहा कि आदिवासियों के लिये तेंदुपत्ता हरा सोना है। उनके आर्थिक सुधार का महत्वपूर्ण कड़ी है। मामले को लेकर उन्होंने वनमंत्री केदार कश्यप से चर्चा की और घोटाले के संबध में जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि जिला यूनियन सुकमा के अंतर्गत कुछ प्राथमिक लघुवनोपज समितियों द्वारा कुछ संग्राहकों को नगद वितरण किया जा चुका है एवं 11 समितियों में कुछ संग्राहकों को वितरण नहीं किया गया है, इसके कारण वनमण्डलाधिकारी को सरकार द्वारा निलंबित कर दिया गया है। प्रकरण में एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा जांच किया जा रहा है, जिसमें वनमंडलाधिकारी सुकमा पर आपराधिक मामले दर्ज करते हुए उनकी गिरफ्तारी की गई।
11 समितियों के संचालक मंडल को किया गया भंग
उन्होंने आगे कहा कि सुकमा जिला भाजपा संगठन की मांग परजिन 11 समितियों में नगद प्रोत्साहन पारिश्रमिक का वितरण नहीं किया गया है। उन समस्त 11 समितियों के प्रबंधकों को कार्य से पृथक कर दिया गया है। उन 11 समितियों के संचालक मंडल को भंग कर दिया गया है। समितियों के नोडल अधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रारंभ की जा चुकी है। इस कार्रवाई के लिये उन्होंने मंत्री केदार कश्यप का आभार जताया उन्होंने वनमंत्री से निवेदन किया है कि 11 समितियों के कितने संग्राहकों को प्रोत्साहन पारिश्रमिक की राशि प्राप्त नहीं हुई है। उसका छानबीन परीक्षण किया जाये और स्थिति स्पष्ट होने के उपरांत उचित कार्रवाई करें।
घड़ियाली आंसू बहाना बंद करे विपक्ष
श्री मरकाम ने आगे कहा कि वर्ष 2018 से 2023 तक लुट घसोट करने वाली कांग्रेस के नुमाईंदे अब दिखावे की राजनीति कर रहे है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत द्वारा तेंदूपत्ता मामले को लेकर जिस तरह से आरोप प्रत्योरोप कर रहे हैं। क्या वे कवासी लखमा के द्वारा किये गये करोड़ो के घोटाले पर भी कुछ शब्द बोलेंगे। 2200 करोड़ के शराब घोटाले को लेकर ईडी की कार्यवाही के बाद कवासी लखमा पर कांग्रेस संगठन के द्वारा अब तक निष्कासन की कार्यवाही न करना कई तरह के सवालों को जन्म देते है।