हिंदू संस्कृति में सिंदूर सुहाग, सौभाग्य और नारी की शक्ति का प्रतीक है, जिसे महिलाएं अपनी मांग में सजाकर पति की लंबी आयु और दांपत्य सुख की कामना करता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह पवित्र सिंदूर आतंकवाद के खिलाफ एक सशक्त ऑपरेशन का भी हिस्सा बन चुका है? जी हां, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के नाम से भारतीय सेना ने मंगलवार-बुधवार की दरम्यानी रात को आतंकियों के खिलाफ एक ऐतिहासिक कार्रवाई की, जो 22 अप्रैल 2025 को हुए पहलगाम हमले का बदला है।
इस हमले में आतंकियों ने कायराना हरकत करते हुए 26 हिंदू पुरुषों को उनकी ही पत्नियों और बच्चों के सामने मार दिया है। इस हमले में मारे गए जो भी पुरुष थे, उनमें से कई की नई-नई शादी हुई थी। इस हमले ने न सिर्फ परिवारों को उजाड़ा, बल्कि उन सुहागनों के सिंदूर को भी लहूलुहान कर दिया, जो अपने जीवन की नई शुरुआत करने के लिए आए थें। लिहाजा आतंकियों से बदला लेने के लिए जो ऑपरेशन चलाया गया, उसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया। ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि उस हर दर्द का हिसाब है और उन उजड़े सिंदूरों का मूक प्रतिशोध है।
इस ऑपरेशन ने न केवल आतंकियों को सबक सिखाया, बल्कि सिंदूर के सांस्कृतिक महत्व को भी एक नए आयाम में पेश किया। यह कहानी नारी के सम्मान, साहस और देशभक्ति की अनूठी मिसाल है, जहां सिंदूर ने सुहाग की रक्षा के साथ-साथ राष्ट्र रक्षा में भी अपनी भूमिका निभाई। आइए, जानते हैं इस ऑपरेशन और सिंदूर के गहरे महत्व को।
सिंदूर का पौराणिक महत्व:
सिंदूर का इतिहास लगभग 5000 वर्ष पुराना है, जो हड़प्पा सभ्यता से लेकर रामायण और महाभारत काल तक फैला है। एक प्रसिद्ध कथा के अनुसार, जब हनुमान जी ने माता सीता को मांग में सिंदूर लगाते देखा, तो उन्होंने पूछा कि इसका क्या महत्व है। माता सीता ने बताया कि सिंदूर लगाने से श्री राम प्रसन्न होते हैं और प्रसन्न रहने से शरीर स्वस्थ रहता है और स्वस्थ रहने से आयु बढ़ती हैं।
यह सुनकर हनुमान जी ने अपने पूरे शरीर पर सिंदूर लगा लिया, और इसी रूप में दरबार पहुंच गए। प्रभु श्री राम हनुमान जी का यह रूप देखकर खूब हंसे और उन्होंने हनुमान जी से पूछा कि तुमने यह क्यों किया? इसपर हनुमान जी ने कहा कि माता के चुटकी भर सिंदूर लगाने से आपकी आयु बढ़ती है तो मैंने पूरे शरीर पर सिंदूर मल लिया। प्रभु श्री राम ने हुनमान जी की इस भक्ति को देखकर उन्हें सदा अपनी भक्ति का आशीर्वाद दिया। तभी से हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाने की प्रथा शुरू हुई।
धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व:
हिंदू धर्म में सिंदूर सुहाग और सौभाग्य का प्रतीक है, जो माता पार्वती और लक्ष्मी से जुड़ा है। इसे मांग में लगाने से पति की लंबी आयु और वैवाहिक सुख की कामना पूरी होती है। धार्मिक मान्यता है कि सिंदूर नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकारात्मकता लाता है। शास्त्रों में रविवार, सोमवार और शुक्रवार को बाल धोकर सिंदूर लगाने का विधान है।
वहीं वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाएं, तो सिंदूर में हल्दी, चूना और पारा होता है, जो तनाव कम करता है और रक्तचाप को नियंत्रित करता है। मांग में इसे लगाने से मस्तिष्क को शांति मिलती है।
पहलगाम के जख्मों का जवाब- ‘ऑपरेशन सिंदूर’
22 अप्रैल 2025 को कश्मीर की पहलगाम घाटी में आतंकियों ने दहशत का संदेश देने के लिए महिलाओं के सामने उनके पतियों की निर्मम हत्या की और उनसे कहा जाऊं तुम अपनी सरकार को जाकर बताना। इस कायराना हरकत के जवाब में आज 15 दिन बाद, जब भारतीय सेना द्वारा ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च हुआ तो ये समझिए कि इसका ‘सिंदूर’ नाम कितना सटीक है।
यह ऑपरेशन उस सिंदूर का बदला है , जो नई-नवेली दुल्हनों के मांग से उजाड़ दिया गया। यह ऑपरेशन सिंदूर उन सभी 26 मासूम लोगों को सच्ची श्रध्दांजलि है, जो आतंक की कायराना हरकत का शिकार बने थे। यह सैन्य कार्रवाई न सिर्फ उन सभी सिसकियों और बहते आंसुओं को पोंछने की कोशिश है, बल्कि एक सख्त संदेश है- कि जो भी सिंदूर उजाड़ने की कोशिश करेगा, उसे करारा जवाब जरूर मिलेगा।