आंध्र प्रदेश के सत्यानारायणपुरम जिले के 25 वर्षीय सैनिक एम मुरली नायक जम्मू के नियंत्रण रेखा (LoC) पर भारी तोपखाने और गोलाबारी के दौरान शहीद हो गए। शुक्रवार सुबह करीब 6 बजे मुरली के वरिष्ठ अधिकारी ने उनके परिवार को सूचित किया कि 3 और 3.30 बजे के बीच मुरली को गंभीर चोटें आईं जब वह और उनके साथी जवान सीमा पार से भारी गोलाबारी का सामना कर रहे थे। अधिकारी ने बताया कि अस्पताल ले जाते समय ने दम तोड़ दिया।
मुंबई में मजदूरी करते है मुरली के माता-पिता
मुरली ने दिसंबर 2022 में भारतीय सेना में भर्ती होकर 851 लाइट रेजिमेंट में सेवा शुरू की थी। उनके माता-पिता, मुदावत श्रीराम और ज्योथिबाई, मुम्बई में निर्माण कार्य में दैनिक मजदूरी करते थे और अपने बेटे के सेना में शामिल होने के बाद अपने गांव लौट आए थे। मुरली अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था और उसने आखिरी बार 6 जनवरी को 15 दिन की छुट्टी पर घर वापस आकर परिवार से मुलाकात की थी।
संपर्क नहीं होने से चिंतित थे माता-पिता
मुरली के कजिन रंजीत नायक ने बताया कि मुरली ने 6 मई की रात फोन कर परिवार को बताया था कि सीमा पार से गोलाबारी हो रही थी। अगले दिन यानी गुरुवार रात को मुरली ने फिर से संपर्क किया और बताया कि अब गोलाबारी पहले से ज्यादा तेज हो गई थी। इस दौरान वह अपने माता-पिता के लिए चिंतित था, जबकि पहले कभी ऐसा नहीं हुआ था। मुरली ने लगातार हो रही गोलाबारी और शेलिंग के बारे में बताया था।
बचपन से ही सेना शामिल होने का देखा था सपना
मुरली ने विग्यान हाई स्कूल, सोमंदेपाली से पढ़ाई की थी और बचपन से ही भारतीय सेना में शामिल होने का सपना देखता था। उनके पिता श्रीराम नायक ने बताया कि मुरली सेना की वर्दी से बहुत प्यार करता था और हमेशा देश की सेवा करने को लेकर प्रेरित था।
सीएम चंद्रबाबू नायडू ने जताया शोक
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने मुरली की मृत्यु पर गहरी शोक व्यक्त करते हुए उनके परिवार से बात की और शोक संतप्त परिजनों को संवेदनाएं दीं। उन्होंने कहा कि देश हमेशा 25 वर्ष की आयु में किए गए उनके बलिदान को याद रखेगा और राज्य सरकार परिवार के साथ मजबूती से खड़ी रहेगी। पूर्व मुख्यमंत्री और YSRCP अध्यक्ष YS जगन मोहन रेड्डी ने भी शोक संवेदनाएं प्रकट की।