अपने खिलाफ दायर चुनाव याचिका को खारिज करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तकनीकी आपत्ति को हाईकोर्ट ने अस्वीकार कर निरस्त कर दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि याचिका में पर्याप्त तथ्यों और सामग्री की मौजूदगी है, इसलिए इसे इस स्तर पर खारिज नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 18 जून को रखी है।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के पाटन विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी और तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ भाजपा प्रत्याशी और दुर्ग सांसद विजय बघेल ने विधानसभा चुनाव लड़ा था। चुनाव में हार के बाद विजय बघेल ने हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दायर की। इसमें उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता और चुनाव आयोग के निर्देशों की अवहेलना कांग्रेस प्रत्याशी द्वारा की गई है।

भूपेश पर जीतने के लिए भ्रष्ट आचरण का आरोप
याचिका में यह भी कहा गया कि भूपेश बघेल ने चुनाव जीतने के लिए भ्रष्ट आचरण अपनाए। इस संबंध में याचिकाकर्ता ने कोर्ट में साक्ष्य और दस्तावेज भी प्रस्तुत किए हैं। उन्होंने मांग की है कि भूपेश का निर्वाचन रद्द किया जाए। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश की ओर से कोर्ट में याचिका को तकनीकी आधार पर खारिज करने आवेदन किया गया था। जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल ने इस आपत्ति को खारिज करते हुए कहा कि याचिका में पर्याप्त तथ्य हैं और सुनवाई जारी रहनी चाहिए।