नक्सल ऑपरेशन:लौटने लगी बैकअप फोर्स, कर्रेगुट्टा के पहा​ड़ पर कब्जा बनाए रखेंगे

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छत्तीसगढ़-तेलंगाना की सीमा पर बीजापुर जिले के कर्रेगुट्‌टा के पहाड़ पर बीते 19 दिनों से कब्जा जमाए हुए हैं। इसी बीच भारत-पाकिस्तान के बीच चले रहे तनाव के बीच कर्रेगुट्टा से बैकअप फोर्स को बुलाना शुरू कर दिया गया है। हालांकि अधिकृत रूप से अब तक किसी भी बड़े पुलिस अफसर का बयान इस घोषणा के तहत नहीं आया है। सूत्र बताते हैं कि अब धीरे-धीरे जवानों की वापसी के निर्देश दे दिए गए हैं। इसके साथ ही धीरे-धीरे जवानों की वापसी का सिलसिला भी शनिवार देर शाम से शुरू हो गया।

कर्रेगुट्‌टा में फोर्स का इतना बड़ा अभियान मिशन 2026 को देखते हुए चलाया गया था। सही मायनों में कर्रेगुट्‌टा अभियान की सफलता ही मिशन 2026 की सफलता की पहली सीढ़ी है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद के खात्मे का दावा करते मिशन 2026 शुरू किया था।

मिलिट्री बटालियन के कमांडर और सीसी मेम्बर हिड़मा की लोकेशन कर्रेगुट्‌टा में मिली थी। ऐसे में कर्रेगुट्‌टा के पहाड़ों को चारों ओर से घेरा गया और उसे जिंदा या मुर्दा पकड़ने के लिए तीन राज्यों की फोर्स ने अभियान चलाया गया। फोर्स ने नक्सलियों के सबसे सुरक्षित पनाहगाह पर तिंरगा फहरा दिया और अब यह पूरा पहाड़ी इलाका फोर्स के कब्जे में है।

जानिए, बीते 19 दिनों से जारी ऑपरेशन में कब क्या हुआ

22 अप्रैल- ऑपरेशन शुरू हुआ, जिसमें तीन राज्यों की फोर्स को भेजा गया। 23 अप्रैल- ऑपरेशन में शामिल हवानों के लिए हेलीकॉप्टर से रसद भी पहुंचाया गया। 24 अप्रैल- ऑपरेशन की पार्टी के साथ नक्सलियों की मुठभेड़, 3 महिला नक्सली ढेर। 25 अप्रैल- डिहाइड्रेशन के कारण 40 जवानों को अस्पताल लाए, हेलीकॉप्टर से पानी पहुंचाया। 26 अप्रैल- बैकअप पार्टी के जरिए 2000 जवानों को भेजा, तब तक नक्सली नेता हिड़मा भाग गया। 27 अप्रैल- जवान कर्रेगुट्‌टा के पहाड़ पर पहुंचे और यहां अस्थायी कैंप स्थापित कर दिया। 28 अप्रैल- जवानों की कर्रेगुट्‌टा के पहाड़ पर घेराबंदी जारी रही और इसी दिन 24 अप्रैल को मारी गई महिला नक्सलियों की शिनाख्त भी हुई। 29 अप्रैल- जवानों की घेराबंदी जारी रही, इसी बीच नक्सलियों की तरफ से शांतिवार्ता का प्रस्ताव भी आया। 30 अप्रैल- कर्रेगुट्‌टा के पहाड़ पर जवान डटे रहे और गृहमंत्री विजय शर्मा ने नक्सलियों के शांतिवार्ता का प्रस्ताव ठुकरा दिया। 1 मई- पहाड़ पर तैनात जवानों को राहत देने फिर बैकअप पार्टी रवाना की गई, वहीं रायपुर में बस्तर संभाग के ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री सहित अन्य नेताओं-अफसरों से मिलकर ऑपरेशन बंद न करने की मांग की। 2 से 10 मई तक- जवानों की घेराबंदी जारी रही और फोर्स लगातार आगे बढ़ती रह।

सुकमा की तरफ फोर्स लॉन्च कर सकती है बड़ा ऑपरेशन नक्सलियों की सबसे सुरक्षित पनाहगाह कर्रेगुट्‌टा अब फोर्स के कब्जे में है। इस पहाड़ के कब्जे में आने के बाद बीजापुर जिले में नक्सलियों के पास छिपने के लिए कोई सुरक्षित ठिकाना नहीं बचा है। ऐसे में अब नक्सलियों को अपना बेस और सुरक्षित ठिकाना दूसरे जिले में बनाना होगा। इधर, जवान बारिश के मौसम तक कर्रेगुट्‌टा के पहाड़ पर अपना अस्थायी कैंप बनाए रखेंगे। दूसरी ओर बीजापुर में छिपने की जगह नहीं होने से बीजापुर के अंदरूनी गांवों में नक्सल मूवमेंट में भी कमी आएगी। इलाके के लोग फोर्स से जुड़ेंगे।

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