मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शनिवार को राजधानी स्थित अपने निवास परिसर से देश के पहले हाइड्रोजन फ्यूल लॉजिस्टिक ट्रक को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने ट्रक चालक को खुद अपने हस्ताक्षर वाली चाबी भी सौंपी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये पहल ग्रीन एनर्जी की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2070 तक भारत को नेट ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन वाला देश बनाने का लक्ष्य रखा है और ये ट्रक उसी दिशा में छत्तीसगढ़ का योगदान है। पर्यावरण संरक्षण और औद्योगिक विकास के बीच संतुलन साधने में भी यह कदम मददगार होगी।
बिना प्रदूषण के 200 किलोमीटर का सफर
इस ट्रक की खास बात ये है कि ये पूरी तरह से हाइड्रोजन से चलेगा, न कोई धुआं निकलेगा, न शोर। इसमें तीन हाइड्रोजन टैंक लगे हैं, जो एक बार में करीब 200 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकते हैं और 40 टन तक माल ढो सकते हैं। इसका इस्तेमाल रायगढ़ के गारे पेल्मा-3 कोल ब्लॉक से कोयला बिजली संयंत्र तक ले जाने में किया जाएगा।
सरकार का मानना है कि इससे प्रदेश में ग्रीन ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा मिलेगा और खनिज परिवहन में होने वाले प्रदूषण और शोर में कमी आएगी। इसके साथ ही, यह कदम भविष्य में छत्तीसगढ़ को हरित ऊर्जा में अग्रणी राज्य बना सकता है।
खनिज परिवहन में कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी
साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ खनिज संपदा समृद्ध प्रदेश है और इस ट्रक का उपयोग खनिज परिवहन में होने से कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पारंपरिक संसाधनों के साथ-साथ ग्रीन टेक्नोलॉजी और नवाचार को भी प्राथमिकता दी जा रही है।