अमेरिकी उप-राष्ट्रपति ने पीएम मोदी को क्या ‘खतरनाक खुफिया जानकारी’ दी थी, जिसके ठीक बाद भारत-पाकिस्तान में हो गया सीजफायर? दावा

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वॉशिंगटन – भारत के हमले से नूर खान एयरबेस के तबाह होने के बाद पाकिस्तान बुरी तरह से डर गया था। पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम ध्वस्त हो गये थे और वो भारतीय मिसाइलों को इंटरसेप्ट करने में बुरी तरह से नाकाम साबित हो रहे थे। जबकि उस वक्त तक भारत ने अपने काफी कम तबाही मचाने वाले हथियारों का ही इस्तेमाल किया था। ऐसा लग रहा था कि भारत अगले कुछ घंटों में पाकिस्तान के तमाम सैन्य ठिकानों, हथियार भंडार को तबाह करने वाला है। इसी बीच अमेरिका के उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को फोन करते हैं और उसके बाद सीजफायर का ऐलान हो जाता है। आखिर टेलीफोन पर जेडी वेंस ने प्रधानमंत्री मोदी को क्या कहा था, ऐसी क्या ‘खतरनाक खुफिया’ जानकारी थी, जिसे जानने के बाद भारत सीजफायर के लिए तैयार होता है?

CNN ने अमेरिकी अधिकारियों के हवाले इसका खुलासा किया है। CNN की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के पास कुछ ऐसे खुफिया जानकारी मिले थे, जो काफी खतरनाक थे। ये जानकारी इतनी संवेदनशील थी डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन, जिसने ठीक एक दिन पहले कह दिया था कि उसे इस युद्ध से कोई मतलब नहीं है, उसे अचानक बीच में आना पड़ा और सीजफायर के लिए भारत से बात करना पड़ा। सीएनएन के मुताबिक अमेरिकी खुफिया एजेंसियों को आशंका थी कि भारत और पाकिस्तान के बीच स्थिति नियंत्रण से बाहर जा सकती है, संभावित तौर पर एक परमाणु युद्ध की आशंका तक पहुंच सकती थी।

जेडी वेंस ने पीएम मोदी से टेलीफोन पर क्या कहा?
सीएनएन के मुताबिक खुफिया रिपोर्ट मिलने के बाद अमेरिकी उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस ने तत्काल भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को टेलीफोन किया और उस खुफिया जानकारी को देने के बाद उनसे पाकिस्तान के साथ सीधी बातचीत के जरिए सीजफायर का समाधान निकालने का प्रस्ताव रखा। उनके टेलीफोन का मकसद भारत को एक सीधे युद्ध से बचने की सलाह दी गई थी। सीएनएन ने अमेरिकी अधिकारियों से कहा कि “खुफिया जानकारी मिलने के बाद सबसे पहले जेडी वेंस तत्काल डोनाल्ड ट्रंप के पास पहुंचे थे और उनसे जानकारियां शेयर की और उसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को टेलीफोन किया।” इस दौरान जेडी वेंस ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि ‘अमेरिका का आकलन है कि अगर संघर्ष दो दिनों तक और चलता है तो ये युद्ध नाटकीय अंजाम तक बढ़ सकता है।’ हालांकि अमेरिकी अधिकारियों ने ये नहीं बताया कि ‘वो खुफिया जानकारी क्या था और युद्ध के नाटकीय अंजाम तक बढ़ने का क्या मतलब था।’

सीएनएन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अमेरिका के तीन अधिकारी लगातार भारत-पाकिस्तान युद्ध पर नजर बनाए हुए थे। इनमें अमेरिका के उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस, विदेश मंत्री मार्को रूबियो, जो अभी नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर भी हैं और वाइट हाउस चीफ ऑफ स्टाफ सुसी वाइल्स। ये लगातार हर स्थिति की जानकारी ले रहे थे। लेकिन जैसे ही इनके पास ‘खतरनाक खुफिया जानकारी’ पहुंची, उन्होंने फौरन संघर्ष को रोकने के लिए भूमिका निभानी शुरू कर दी। अधिकारियों ने वो खुफिया जानकारी का खुलासा करने से इनकार कर दिया।

भारत के हमलों से डर गया था पाकिस्तान?
अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नूर खान एयरबेस के तबाह होने के बाद पाकिस्तान बहुत ज्यादा डर गया था और उसे लग रहा था अब भारत उसके हाई वैल्यू टारगेट पर हमला करने वाला है। नूर खान एयरबेस, पाकिस्तानी एयरफोर्स का सबसे संवेदनशील एयरबेस है और भारत ने यहां पर डीप स्ट्राइक किए थे। अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम और रडार सिस्टम भारतीय हथियारों को बिल्कुल भी इंटरसेप्ट नहीं कर पा रहे थे। जिससे भारतीय हमलों को रोकने के लिए पाकिस्तान के पास कुछ नहीं था। जबकि पाकिस्तान के मिसाइल भारत को नुकसान नहीं पहुंचा रहे थे। जिससे पाकिस्तान के हाथ पांव फूल गये थे और वो किसी तरह से युद्ध से बाहर निकलना चाहता था।

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