प्रदेश में परिवहन क्रांति, खनिज उद्योग को सबसे अधिक फायदा:डीजल से 4 गुना सस्ता होगा हाइड्रोजन फ्यूल अभी ट्रायल में दो साल तक चलाएंगे 16 ट्रक

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हाइड्रोजन फ्यूल लॉजिस्टिक ट्रक नए युग के हाइड्रोजन इंटरनल कंबशन इंजन (एच2-आईसीई) और फ्यूल सेल (एच2-एफसीईवी) तकनीकों से लैस है। प्रदेश में ट्रायल के तौर पर 16 एडवांस हाइड्रोजन फ्यूल वाले वाहनों का उपयोग दो साल तक किया जाएगा, जिनकी अलग-अलग कॉन्फ़िगरेशन और पेलोड क्षमताएं होंगी। छत्तीसगढ़ में तैनात हाइड्रोजन चलित ट्रकों का पहले ही 40 टन भार वहन क्षमता के साथ 200 किलोमीटर की रेंज के लिए परीक्षण किया जा चुका है। इनका उपयोग खदानों में खनिज परिवहन के लिए ज्यादा उपयोग किया जाएगा। बता दें कि प्रति लीटर डीजल की कीमत करीब 95 रुपए हैं। इसमें 4 से 7 की औसत से ट्रक चलते हैं। वहीं 1 किलो हाइड्रोजन फ्यूल की कीमत करीब 400 रुपए है, जिसमें से 200 से 250 किलोमीटर तक वाहन चल सकते हैं।

हाइड्रोजन-पेट्रोल फ्यूल व बैटरी वाहनों में अंतर

हाइड्रोजन फ्यूल और पेट्रोल फ्यूल वाले वाहनों में मुख्य अंतर यह है कि हाइड्रोजन फ्यूल सेल से चलने वाले वाहन बिजली का उत्पादन करते हैं और पानी का उत्सर्जन करते हैं, जबकि पेट्रोल इंजन वाले वाहन जीवाश्म ईंधन को जलाते हैं और कार्बन डाईऑक्साइड का उत्सर्जन करते हैं। दूसरी ओर, इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी को चार्ज करने पर कम से कम 4 से 8 घंटे का समय लगता है। वहीं हाइड्रोजन वाहनों में ईंधन भरना ज्यादा आसान है। फ्यूल स्टेशन पर एक किलो हाइड्रोजन को रिफिल करने में 5-10 मिनट लगते हैं। एक किलो हाइड्रोजन एक किलो लिथियम-आयन बैटरी की तुलना में 200 गुना ज्यादा ऊर्जा स्टोर करने में सक्षम है।

क्या हैं हाइड्रोजन चलित वाहन हाइड्रोजन ईंधन-सेल वाहन (एचएफसीवी) पहियों को घुमाने के लिए उसी तरह की इलेक्ट्रिक मोटर का उपयोग करता है, जैसा बैटरी-इलेक्ट्रिक वाहन करते हैं। इसमें शुद्ध हाइड्रोजन (एच2) हवा से ऑक्सीजन (ओ-2) के साथ मिलकर एक झिल्ली से गुजरता है, जिससे बिजली पैदा होती है जो पहियों को घुमाती है। अमेरिका के कैलिफोर्निया में 17 हजार हाइड्रोजन से चलने वाले वाहन हैं। भारत में, छत्तीसगढ़ में पहला हाइड्रोजन फ्यूल ट्रक लॉन्च किया गया है।

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