छत्तीसगढ़ बोर्ड परीक्षा में फर्स्ट डिवीजन से पास होने वाले छात्रों की संख्या लगातार बढ़ रही है। पहली बार बारहवीं में एक लाख से अधिक छात्र प्रथम श्रेणी से पास हुए हैं। इसमें छात्रों की तुलना में छात्राओं की संख्या अधिक है। इधर दसवीं में पिछले पांच साल से एक लाख से ज्यादा परीक्षार्थी फर्स्ट डिवीजन से पास हो रहे हैं। इस बार इनकी संख्या 1 लाख 26 हजार है।
हाल ही में सीजी बोर्ड परीक्षा के नतीजे जारी हुए। 2 लाख 38 हजार 626 परीक्षार्थी थे। 1 लाख 94 हजार 906 पास हुए। इनमें से 1 लाख 544 छात्रों को फर्स्ट डिवीजन मिला। 88 हजार 841 को सेकंड और 5516 छात्र थर्ड डिवीजन से पास हुए। इस तरह से रिजल्ट 81.87 प्रतिशत रहा।
पिछले कुछ वर्षों के रिजल्ट को देखा जाए तो बारहवीं में हर बार 75 फीसदी से अधिक छात्र पास हो रहे हैं। वहीं प्रथम श्रेणी से पास होने वाले छात्रों की संख्या भी बढ़ रही थी। वर्ष 2020 में 72385 फर्स्ट डिवीजन से पास हुए थे। कोरोना की वजह से 2021 की परीक्षा छात्रों ने घर बैठे दी थी, तब अधिकांश छात्रों ने 60 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए थे।
कोरोना काल काे छोड़ दिया जाए तो 2022 में 82 हजार, 2023 में 87 हजार और 2024 में करीब 88 हजार छात्रों ने प्रथम श्रेणी से पास हुए थे।
छात्रों का रिजल्ट बेहतर हो, स्कूल भी कर रहे प्रयास जानकारों का कहना है कि अब ज्यादातर स्कूल यह प्रयास करते हैं कि उनके यहां का रिजल्ट बेहतर हो, अधिक छात्र फर्स्ट डिवीजन से पास हो, मेरिट लिस्ट में शामिल हो। इसके अनुसार वे तैयारी कराते हैं। उधर प्रतिस्पर्धा का स्तर बढ़ा है। इसे देखते हुए छात्र मेहनत कर रहे हैं। इसका असर भी दिख रहा है।
इसी तरह कुछ वर्ष पहले दसवीं और बारहवीं में सवाल पूछने के तरीके में बदलाव किया गया। बहुवैकल्पिक प्रश्नों काे शामिल किया गया। इसी तरह प्रश्न को तीन कैटेगरी में सरल, औसत और कठिन में बांटा गया। जैसे दसवीं अंग्रेजी के पेपर में 36 प्रतिशत सरल, 48 प्रतिशत औसत और 16 प्रतिशत कठिन सवाल पूछे जाते हैं। गणित में 30 सरल, 50 औसत और 20 प्रतिशत कठिन प्रश्न आते हैं। यह भी एक कारण है जिसकी वजह से न सिर्फ ज्यादा छात्र पास हो रहे हैं, बल्कि फर्स्ट डिवीजन भी ला रहे हैं।