हाईकोर्ट का फैसला: एक ननि के कर्मचारियों को दूसरे में स्थानांतरित नहीं किया जा सकता

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बिलासपुर – संयुक्त संचालक क्षेत्रीय कार्यालय, रायपुर संभाग, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग में पदस्थ असिस्टेंट इंजीनियर अनुराग शर्मा ने नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा किए गए स्थानांतरण आदेश को चुनौती दी थी। याचिका की सुनवाई जस्टिस बीडी गुरु के सिंगल बेंच में हुई। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा किए गए स्थानांतरण आदेश को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि एक नगर निगम के कर्मचारियों को दूसरे नगर निगम में स्थानांतरित नहीं कर सकते हैं। याचिकाकर्ता को नगर पालिक परिषद, बिरगांव में उप अभियंता के पद पर 11 मई 2006 के आदेश के तहत पदस्थ किया गया था।

इसी बीच 22 जुलाई 20214 को राज्य शासन ने अधिसूचना जारी कर नगर पालिक परिषद, बिरगांव को नगर निगम घोषित कर दिया। 28 जुलाई 2018 के आदेश के तहत नगरीय प्रशासन विभाग ने उसे सहायक अभियंता के पद पर पदोन्नत कर संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, क्षेत्रीय कार्यालय में अटैच कर दिया। 24 नवंबर 2021 को एक आदेश जारी कर नगरीय प्रशासन एवं विकास, क्षेत्रीय कार्यालय, रायपुर से नगर निगम, रायगढ़ स्थानांतरित कर दिया। याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने 04 जनवरी 2022 को याचिकाकर्ता को सक्षम प्राधिकारी के समक्ष विस्तृत अभ्यावेदन पेश करने और अधिकारियों को विचार करने और निर्णय लेने का निर्देश दिया।

हाईकोर्ट में दोबारा दायर की याचिका
नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा अभ्यावेदन को खारिज करने के बाद याचिकाकर्ता असिस्टेंट इंजीनियर ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से दोबारा हाईकोर्ट में याचिका दायर की और स्थानांतरण आदेश को एक बार फिर चुनौती दी। याचिकाकर्ता ने विभागीय अधिकारियों पर नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। अधिनियम में दिए गए प्रावधान का खुलासा करते हुए बताया कि एक नगर निगम के कर्मचारियों को दूसरे नगर निगम में स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है।

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