रायपुर- रायपुर रेंज पुलिस ने ऑपरेशन साइबर शील्ड के तहत सफलता हासिल की है। साइबर ठगी के मामलों में सक्रिय दो आरोपियों को गिरफ्तार कर ठगी के नेटवर्क से जुड़े बड़े खुलासे किए गए हैं। यह कार्रवाई पुलिस महानिरीक्षक अमरेश मिश्रा के निर्देशों के तहत की गई। जिसमें साइबर क्राइम पोर्टल में रिपोर्टेड म्यूल बैंक अकाउंट्स की गहन जांच की गई।
म्यूल अकाउंट से ठगी का जाल
गिरफ्तार आरोपी राहुल यादव और काजल यादव ने फेसबुक के माध्यम से संपर्क कर साइबर ठगी में साथ मिलकर काम किया। आरोपी म्यूल अकाउंट्स यानी फर्जी बैंक खाते खोलवाने और उन्हें ऑपरेट करने में लिप्त थे। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने बताया कि इन दोनों आरोपियों ने चेन्नई, अहमदाबाद और जालना (महाराष्ट्र) जैसे विभिन्न स्थानों पर अपनी जगह बदलकर ठगी के नेटवर्क को चालू रखा था। इसके तहत बड़ी मात्रा में ठगी की रकम इधर-उधर की गई।
गिरफ्तारी के बाद पूछताछ और कार्रवाई
कोतवाली थाने में दर्ज अपराध क्रमांक 45/25 के तहत पुलिस ने आरोपियों से गहन पूछताछ की। इस दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि इन आरोपियों ने म्यूल बैंक खातों का संचालन खुद किया और ठगी की रकम को विभिन्न खातों में ट्रांसफर किया। इसके बाद पुलिस ने आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया।
गिरफ्तार आरोपियों की जानकारी
1) राहुल यादव
पिता: रामअवध यादव | उम्र: 27 वर्ष
निवासी: ग्राम मवाई, थाना खेतासराय, जिला जौनपुर, उत्तरप्रदेश
2) काजल यादव
पिता: राजाराम यादव | उम्र: 28 वर्ष
निवासी: सदर वार्ड, भाटापारा, बलौदा बाजार, छत्तीसगढ़
पुलिस की तेज कार्रवाई पर राहत
रायपुर रेंज पुलिस की इस बड़ी कार्रवाई ने साबित कर दिया है कि साइबर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। साइबर ठगी के मामलों में पुलिस ने अपनी तत्परता और सख्ती से कार्रवाई करते हुए इन अपराधियों को गिरफ्तार किया और ठगी के पैसे को ट्रैक किया।
अब तक की जांच और भविष्य की कार्रवाई
रायपुर रेंज पुलिस ने म्यूल बैंक अकाउंट्स के नेटवर्क को खत्म करने के लिए लगातार अभियान जारी रखने का फैसला लिया है। साइबर क्राइम से जुड़े अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए जांच प्रक्रिया जारी है। पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ अपनी बैंक खाता जानकारी या व्यक्तिगत डेटा साझा न करें, ताकि इस तरह के अपराधों से बचा जा सके।