कलेक्शन एजेंट से 15 लाख की लूट, मास्टरमाइंड सहित 5 लुटेरे गिरफ्तार

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रायपुर में कलेक्शन एजेंट से लूट करने वाले राजस्थान के निकले। उन्हें पीड़ित एजेंट के दोस्त ने ही लूट की सुपारी दी थी। पुलिस ने मास्टरमाइंड सहित 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। दो अन्य फरार चल रहे हैं। पुलिस उनकी तलाश में है। मामले में हवाला कनेक्शन की आशंका जताई गई है।

पुलिस के मुताबिक समता कॉलोनी निवासी महावीर शर्मा 30 अप्रैल को कलेक्शन के 15 लाख रुपए से अधिक की राशि लेकर आ रहे थे। इस दौरान रास्ते में तीन बदमाशों ने उन पर हमला किया। मारपीट करके तीन लुटेरे नोटों से भरा उनका बैग, दोपहिया लेकर फरार हो गए। इसकी शिकायत पर आजाद चौक पुलिस ने 4 लाख 80 हजार लूट की एफआईआर दर्ज की। मामले की जांच के दौरान पुलिस ने पहले राजस्थान के श्रीडूंगरगढ में छापा मारकर राकेश भार्गव उर्फ कालू को पकड़ा। उसने पूछताछ में खुलासा किया कि उसने अपने साथी गुनानंद प्रजापति और रामलाल के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया।
दोस्त ने ही दी थी सुपारी: राकेश ने पूछताछ में खुलासा किया कि उन्हें श्रीडूंगरगढ़ निवासी योगेश ने उन्हें लूट करने की सुपारी दी थी। योगेश को रायपुर के भवानी शंकर सारस्वत ने वारदात कराने को कहा। इसके बाद पुलिस ने भवानी शंकर को पकड़ा। उससे पूछताछ की गई। पूछताछ में उसने बताया कि उसे जानकारी थी कि महावीर के पास लाखों रुपए हैं। इस कारण उसने लूट की योजना बनाई। इसके लिए अंबिकापुर के रवि शर्मा और भवानी शंकर उर्फ लालाजी के साथ मिलकर योजना बनाई। इसके बाद योगेश को टास्क दिया गया। योगेश ने राकेश उर्फ कालू, गूनानंद और रामलाल को घटना को अंजाम देने के लिए कहा।
15 लाख व दोपहिया बरामद 

घटना से पहले कालू सहित तीनों आरोपी रायपुर पहुंचे और भवानी शंकर से मिले। भवानी शंकर ने पीड़ित महावीर के बारे में पूरी जानकारी दी। इसके बाद तय स्थान पर कालू और उसके साथियों ने उसे घेर लिया। मारपीट करके बैग और मोटरसाइकिल लूटकर भाग निकले। दोपहिया को कुछ दूर छोड़ दिया। इसके बाद भाटापारा चले गए। वहां से राजस्थान पहुंच गए। पुलिस ने कालू के अलावा भवानी शंकर सारस्वत, भवानी शंकर सारस्वत उर्फ लालजी, रवि शर्मा और गुनानंद प्रजापति को गिरतार कर लिया है। पीड़ित से लूटे गए 15 लाख और दोपहिया को भी बरामद कर लिया गया है।

बैग में थे 15 लाख, रिपोर्ट करवाई 4 लाख 80 हजार की: मामले में हवाला कारोबार होने की आशंका है। शिकायत पर पुलिस ने पहले दिन केवल 4 लाख 80 हजार रुपए की रिपोर्ट लिखी थी, जबकि बैग में 15 लाख से अधिक की रकम थी। जानकारी पीड़ित को कैसे नहीं थी। अगर जानकारी थी, तो इतनी कम रकम की एफआईआर क्यों कराई थी। फिलहाल मामले में दो आरोपी पकड़े नहीं गए हैं। पुलिस उनकी तलाश में लगी है।

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