फर्जी दस्तावेजों से 8 साल से रह रहे थे बांग्लादेशी दंपति, दुर्ग STF ने की गिरफ्तारी

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टीआरपी डेस्क। राज्य में अवैध घुसपैठियों के खिलाफ चल रही सघन कार्रवाई के तहत दुर्ग एसटीएफ ने एक बांग्लादेशी दंपत्ति को गिरफ्तार किया है, जो पिछले आठ वर्षों से फर्जी दस्तावेजों के सहारे भारत में रह रहे थे। आरोपियों ने आधार कार्ड, पैन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र और बैंक दस्तावेजों सहित कई कूट दस्तावेज बनवाकर उनका दुरुपयोग किया। महिला वाट्सएप और इंटरनेट कॉल्स के जरिये बांग्लादेश में अपने परिजनों से लगातार संपर्क में थी।

इनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता 2023, विदेशी नागरिक अधिनियम 1946, भारतीय पासपोर्ट अधिनियम 1967 और पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम 1920 के तहत कार्रवाई की गई है।

एसटीएफ की सक्रिय कार्रवाई

छत्तीसगढ़ में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान और निर्वासन की कार्रवाई के लिए दुर्ग में विशेष कार्यबल (STF) का गठन किया गया है, जो लगातार ऐसे तत्वों के विरुद्ध कार्रवाई कर रही है।

छापा और पूछताछ

दुर्ग पुलिस को सूचना मिली थी कि सुपेला क्षेत्र के पांच रास्ता इलाके में एक संदिग्ध दंपत्ति फर्जी नामों ज्योति और रासेल शेख से रह रहा है। तस्दीक के बाद एसटीएफ को आगे की कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया।

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पूछताछ में दोनों ने शुरुआत में खुद को पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के निवासी बताया और दावा किया कि वे 2009 से 2017 तक नवी मुंबई में रहे। 2017 से वे भिलाई में शादी-पार्टी में काम करते हुए रह रहे हैं। दोनों ने भारतीय पहचान पत्र दिखाए, जो जांच में संदेहास्पद पाए गए।

असली पहचान उजागर

कड़ी पूछताछ में महिला ने अपना असली नाम शाहीदा खातून (पिता: मो. अब्दुस सलाम) और पति ने मो. रासेल शेख (पिता: मो. फकीर अली शेख) बताया। दोनों मूल रूप से जेस्सोर जिले के झीकारगाछा थाना क्षेत्र, बांग्लादेश के निवासी हैं।

कैसे आए भारत

शाहीदा खातून वर्ष 2009 में अवैध रूप से भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर पश्चिम बंगाल पहुंची थी। वहां मजदूरी के दौरान उसकी पहचान रासेल से हुई। दोनों ने बाद में बांग्लादेश जाकर शादी की और फर्जी नामों से भारतीय पासपोर्ट और वीजा बनवाकर 2017 में भारत वापस आए। महिला का वीजा 13 सितंबर 2018 और रासेल का वीजा 12 अप्रैल 2020 तक वैध था।

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दस्तावेजों में हेराफेरी

दोनों ने नवी मुंबई के कोपरखैरने क्षेत्र में रहते हुए फर्जी आधार और पैन कार्ड बनवाए। पते में जानबूझकर परिवर्तन कर अम्बेडकर नगर कांटेक्टर कॉलोनी, भिलाई का पता दर्ज कराया गया। इसी आधार पर इन्होंने मतदाता पहचान पत्र और विभिन्न बैंकों में खाते खुलवाए।

दर्ज हुआ मामला

दोनों के खिलाफ धारा 318(4), 319(2), 336(3), 3(5) BNS, विदेशी नागरिक अधिनियम 1946 की धारा 14, पासपोर्ट अधिनियम 1967 की धारा 12, और पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम 1920 की धारा 3 के तहत मामला दर्ज किया गया है। पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर 16 मई को दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।

अधिकारियों की भूमिका

इस कार्रवाई में एसटीएफ प्रभारी नगर पुलिस अधीक्षक सत्य प्रकाश तिवारी, निरीक्षक राजेश मिश्रा, निरीक्षक विजय यादव (थाना प्रभारी सुपेला) एवं उनकी टीम के साथ एसटीएफ के सउनि रमेश सिन्हा, पंकज चतुर्वेदी, और संतोष गुप्ता की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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