कांकेर l ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकियों के गोलाबारी का जवाब देने वालों में कांकेर का लाल भी शामिल रहा। ऑपरेशन खत्म होने के बाद परिजनों ने जब बात की तो उसने कहा कि सब ठीक है। हरिभूमि ने ऑपरेशन सिंदूर में शामिल कांकेर का लाल कोमल पटेल से संपर्क किया तो, उसका यही कहना था कि अब सब शांत है, हम ज्यादा बात नहीं कर सकते। जानकारी के अनुसार कांकेर जिला से लगभग 8 किमी की दूरी पर स्थित ग्राम लारगांव मरकाटोला निवासी कोमल पटेल 8 साल पहले सेना में भर्ती हुआ था। 12वीं की पढ़ाई लारगांव मरकाटोला में करने के उपरांत कॉलेज में प्रवेश लिया था, परंतु 18 साल की उम्र में सेना में भर्ती होने में कामयाब रहा।
गर्व का क्षण
मरार समाज के युवा प्रकोष्ठ टीम जिला सचिव राकेश पटेल का कहना है कि कोमल पटेल का ऑपरेशन सिंधुर में शामिल होना कांकेर जिला के लिए सौभाग्य की बात है। मेरे गांव और समाज के लिए यह गर्व का क्षण है और मुझे उम्मीद है कि उनकी इस उपलब्धि से पूरे गांव और समाज को प्रेरणा मिलेगी।
हैदराबाद में मिली ट्रेनिंग
शुरूआती दौर पर हैदराबाद में प्रशिक्षण मिला और 3 साल से जम्मू में तैनात है। वह यहां तोपखाना रेजीमेंट में नायक के पद पर तैनात है। उनके परिजनों ने बताया कि 7 मई को एयर स्ट्राइक होने के बाद पाकिस्तान की ओर से गोलाबारी 8 मई को शुरू कर दी गई, तभी रेजीमेंट को आदेश आया कि सभी को सतर्क होना है और पाकिस्तान को जवाबी गोलाबारी कर बर्बाद किया। शुरूआत पाकिस्तान की आर्मी ने गोलाबारी करने प्रारंभ की थी, तभी रेजीमेंट की ओर से जवाब दिया गया। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का जश्न जम्मू के साथ-साथ पूरे देश में मनाया जा रहा है।