शहर में असामाजिक तत्वों का डेरा: पुलिस वेरिफिकेशन होता नहीं, बाहरी इलाके के किराए वाले मकान बने अड्डे

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सीतापुर – पुलिस सत्यापन के अभाव में नगर असामाजिक तत्वों का सुरक्षित ठिकाना बनता जा रहा है। पड़ोसी राज्यों से आने वाले लोग थाने में मुसाफिरी दर्ज कराए बिना नगर में अपना ठिकाना बनाते जा रहे है। ऐसे लोगों के बारे में पुलिस को सूचना देने के बजाए मकान मालिक बड़ी आसानी से किराए का मकान उपलब्ध करा रहे है। जिसकी वजह से दिनोंदिन इनकी संख्या में तेजी से इजाफा होते जा रही है। इस संबंध में नगरवासियों ने पुलिस से नगर में अपना ठिकाना बनाने वाले बाहरी लोगों के सत्यापन की मांग की है। भविष्य में नगर की शांति और कानून व्यवस्था के लिए ये चुनौती साबित न हो सके।

बता दें कि, पिछले लंबे समय से नगर समेत आसपास के गांव में बाहरी लोगों का घुसपैठ तेजी से बढ़ते जा रहा है। पुलिस सत्यापन के अभाव में इनकी संख्या में दिनोंदिन तेजी से इजाफा हो रहा है। इनमें से ज्यादातर लोग कबाड़ी और फेरीवाले है, जो पड़ोसी राज्य झारखंड, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश से यहाँ आकर अपना ठिकाना बना है। बाहर से आने वाले लोगों के सत्यापन को लेकर पुलिस भी काफी निष्क्रिय नजर आ रही हैं। जिसका लाभ उठाते हुए बाहरी लोग थाने में मुसाफिरी दर्ज कराए बिना ही नगर समेत आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में अपने पांव पसारते जा रहे है। इनमें से ज्यादातर लोगों का ठिकाना काराबेल सोनतराई जोबाटिकरा चलता सुर जैसे नगर से सटे गांवों में है। यहाँ किराए के मकान में रहने वाले लोग फेरीवाला बनकर सामान बेचने या फिर कबाड़ी बनकर दिन भर कबाड़ खरीदने का काम करते है।

कबाड़ खरीदने वाले कबाडियों की बढ़ती जा रही संख्या
कबाड़ी का काम करने वाले लोग दिनभर कबाड़ खरीदने के बाद शाम को उसे कबाड़ व्यवसायी के पास ले जाकर खपाते हैं। ये अपना कबाड़ उसी कबाड़ व्यवसायी को देते है जो अपने कबाड़ के अवैध धंधे को आगे बढ़ाने के लिए बाहर से बुलाकर इनको अपने यहाँ बसा रखा है। इन दिनों नगर में कबाड़ खरीदने वाले कबाडियों की संख्या दिनोंदिन बढ़ते जा रही है। इसके अलावा जो बाहरी लोग है उनको भी किराए का मकान बड़ी आसानी से उपलब्ध हो जा रहा है। किराए पर मकान देने वाला मकान मालिक किरायदारों के बारे में सूचना दर्ज कराए बिना आसानी से मकान उपलब्ध करा रहे है।

किराए पर देने से पहले थाना में दे सूचना
नियम यह है कि, बाहरी लोगों को मकान किराए पर उपलब्ध कराने से पहले थाने में सूचना देना अनिवार्य है। इसके बाद ही मकान मालिक अपना मकान बाहरी लोगों को किराए पर दे सकता है। प्रशासन के जारी नियम का जरा भी पालन नही कर रहे है। इसके पीछे सत्यापन को लेकर पुलिस की उदासीनता एक बड़ी वजह है। पुलिस अगर बाहरी लोगों के सत्यापन को लेकर जरा भी सक्रिय होती तो मकान मालिक ऐसा नही करते। वो बाहरी लोगों को किराए में मकान देने से पहले पुलिस को जरूर सूचित करते। अब भी समय है अगर सत्यापन को लेकर पुलिस सक्रिय हो जाती है तो बाहरी लोगों का आना कम हो जाएगी। और बिना सत्यापन के रहने वाले लोगों की जांच पड़ताल भी हो जाएगी।

नगर में बढ़ने लगी असामाजिक गतिविधियां
पिछले काफी दिनों से नगर समेत आसपास के गांवों में असामाजिक गतिविधियों में काफी बढ़ोतरी हुई है। चोरी छीनाझपटी पाकिटमारी की घटनाओं में भी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। चोरी के मामले तो इस कदर बढ़ गए हैं कि लोगो की नींद हराम हो चुकी है। चाहे वो खेत मे लगे टुल्लू पंप हो बड़ी वाहन से बैट्री चोरी की घटना हो या फिर घर के बाहर खड़ी साइकिल बाइक से पेट्रोल की चोरी करने की घटना हो। चोर बड़ी आसानी से इन घटनाओं को अंजाम देकर गायब हो जा रहे है। इस तरह की घटनाएं नगर समेत ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार बढ़ते जा रही है। लोगों द्वारा संभावना जताई जा रही है कि, नगर समेत चोरी की बढ़ती घटनाओं में बाहरी लोगों का हाथ हो सकता है। फेरीवाले और कबाड़ी बनकर नगर समेत क्षेत्र में भ्रमण करने वाले इसमें शामिल हो सकते है।गांव शहर में भ्रमण के दौरान ये रेकी करते होंगे। रेकी के बाद मौका मिलते ही हाथ साफ कर देते होंगे। इसके अलावा अवैध नशे का कारोबार भी काफी फलफूल रहा है। इस संबंध में लोगों ने पुलिस से बाहरी लोगों के सत्यापन की मांग की है। बगैर सत्यापन के गांव शहर में ठिकाना बनाने वाले लोग भविष्य में शांति और सुरक्षा व्यवस्था के लिए कठिन चुनौती न बन जाये।

पुलिस लगातार चल रही अभियान
एसडीओपी राजेंद्र मंडावी ने कहा कि, पुलिस अभियान चलाकर बाहरी लोगों का पता लगाती है। बाहरी लोगों के बारे में जानकारी के अभाव में भी पुलिस का अभियान ठंडा पड़ जाता है। किराए में घर देने से पहले मकान मालिक भी थाने को अवगत नही कराते हैं। शहर समेत आसपास के गांव में रहने वाले बाहरी लोगों के खिलाफ पुलिस अभियान चलाएगी। अवैध रूप से रह रहे है उन्हें उनके ठिकाने पर भेजा जाएगा।

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