अटकी निगम- मंडलों में नियुक्तियां: तीसरी सूची के लिए अब होगा इंतजार थोड़ा और लंबा

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रायपुर। प्रदेश सरकार ने निगम, मंडल और आयोग में अप्रैल में 36 पदों पर जिन भाजपा नेताओं को नियुक्ति किया, उनमें से आधा दर्जन के पदों में पेंच फंसा था। इसमें से चार पदों का पेंच सुलझाने के लिए एक संशोधित दूसरी सूची जारी करके तीन अध्यक्षों और एक उपाध्यक्ष को दूसरे पदों पर नियुक्त किया गया है। अभी दो पदों का पेंच इसलिए फंसा है, क्योंकि इन पदों पर कांग्रेस शासनकाल के लोग विराजमान हैं। इसके लिए अभी थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा। इसी तरह से अब जिन नेताओं को पद नहीं मिल सके हैं, उनको भी निगम, मंडल, आयोग की तीसरी सूची के लिए थोड़ा लंबा इंतजार करना पड़ेगा। अब तक भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष पर फैसला नहीं हो सका है। इसीलिए माना जा रहा है कि नए अध्यक्ष के चुनाव के बाद ही निगम, मंडल और आयोग की तीसरी सूची आएगी।

प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद करीब सवा साल बाद जाकर प्रदेश सरकार ने 34 निगम, मंडलों के 36 पदों पर भाजपा नेताओं की नियुक्ति की है। इनमें से आधा दर्जन नेताओं के पदों पर पेंच भी फंसा गया था, ऐसे में इनका पदभार संभालना मुश्किल हो गया तो अततः प्रदेश सरकार ने इनको दूसरे निगम, मंडल में कुर्सी देने का काम किया है। दुग्ध महासंघ के अध्यक्ष बनाए गए केदार नाथ गुप्ता को जहां अपेक्स बैंक का अध्यक्ष बनाया गया, वहीं वित्त आयोग के अध्यक्ष श्रीनिवास राव मद्दी को छत्तीसगढ़ स्टेट बेवरेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड का अध्यक्ष बनाया गया। शालिनी राजपूत को समाज, कल्याण विभाग के स्थान पर अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड बनाया गया। समाज कल्याण बोर्ड की उपाध्यक्ष चंद्रक्रांति वर्मा को उपाध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग बना दिया गया है।

इनमें नियुक्ति अभी बाकी
जिन निगम, मंडलों में अभी नियुक्ति बाकी है, उनमें मार्कफेड, लघु वनोपज सहकारी संघ, फिल्म विकास निगम, मत्स्य महासंघ, हथकरघा विकास एवं विपणन सहकारी संघ, सिंधी अकादमी और सहकारी संघ शामिल हैं। इसी के साथ पांच जिलों के सहकारी केंद्रीय बैंक और चार शक्कर कारखानों में भी अध्यक्ष की नियुक्ति की जानी है। इसके अलावा रायपुर विकास प्राधिकरण, गृह निर्माण मंडल जैसे निगम, मंडलों में उपाध्यक्षों के साथ सदस्यों के पद भी खाली हैं। इनकी संख्या भी डेढ़ दर्जन से ज्यादा है। इनमें भी नियुक्ति को लेकर प्रदेश सरकार का प्रदेश संगठन के प्रदेश और राष्ट्रीय नेताओं के साथ मंथन हो चुका है। लेकिन अब चूंकि सामने भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव आ गया तो भाजपा के सूत्रों का कहना है कि अब तो नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के बाद ही तीसरी सूची का ऐलान हो सकेगा। तीसरी सूची से नए राष्ट्रीय अध्यक्ष को अवगत कराने के बाद उनकी भी अनुमति लेनी होगी।

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