एयरपोर्ट में गाड़ी की इंट्री होने के साथ ही पार्किंग शुल्क देना ही होगा। अगर आपने शुल्क नहीं दिया तो आपके साथ बदतमीजी की जाएगी। तब तक जाने नहीं दिया जाएगा जब तक आप पैसा न दे दें। नियमानुसार एयरपोर्ट में पांच मिनट तक की पार्किंग फ्री है। लेकिन पार्किंग ठेकेदार इस नियम को नहीं मान रहा है। उसके कर्मचारी एक ही बात कहते हैं गाड़ी आई तो पैसा देना ही होगा। इतना ही नहीं परेशानी उस समय और बढ़ जाती है जब पार्किंग शुल्क 40 के बजाय 60 रुपए लिया जाता है। लोग इसका विरोध करते हैं तो ठेकेदार के कर्मचारी गाली-गलौज करने लगते हैं। कुछ लोगों ने उनकी इस हरकतों को वीडियो भी बनाया। इसका भी उन पर कोई फर्क नहीं पड़ता। उल्टे वे कहते हैं कि जिसे चाहे दिखा दो। हमारा कुछ नहीं होगा।
एयरपोर्ट में ट्रैवल्स का काम करने वाले और वहां लगातार आना-जाना करने वाले लोगों का कहना है कि पार्किंग ठेकेदार को एयरपोर्ट अथॉरिटी के अफसरों का संरक्षण है। वे ठेकेदार को कभी कुछ नहीं कहते। कोई व्यक्ति शिकायत करना चाहे तो कहते हैं लिखित में दो। जिस नंबर पर शिकायत करने के लिए कहा जाता है उस पर कार्रवाई का भरोसा दिलाकर बात रफा-दफा कर दी जाती है। चौंकाने वाली बात है लगातार शिकायतों के बाद भी आज तक पार्किंग ठेकेदार को एक नोटिस तक नहीं दी गई है। न ही उस पर कभी कोई जुर्माना लगाया गया।
तीन मिनट ही खड़ी रही गाड़ी पर ले लिए 60 रुपए
एयरपोर्ट पार्किंग में गाड़ी की इंट्री करते ही बैरियर में कार ड्राइवर को पर्ची मिली। उस समय पर रात 8.33 बजे अंकित था। कार ड्राइवर ने गाड़ी कहीं नहीं रोकी। टर्मिनल बिल्डिंग पार करते हुए सीधे एग्जिट बैरियर पर पहुंच गया। वहां ड्राइवर ने ठेकेदार के कर्मचारी को पर्ची दिखाई। उसने दूसरी पर्ची 60 रुपए की दे दी। ड्राइवर ने कहा कि अभी तो तीन ही मिनट हुए हैं।
नियम के अनुसार पांच मिनट की पार्किंग फ्री है। लेकिन कर्मचारी ने एक न सुनी। उसने गाड़ी रुकवा ली। कहा-जब तक 60 रुपए नहीं दोगे गाड़ी आगे नहीं जाएगी। ड्राइवर ने इस पर कहा कि शुल्क तो 40 रुपए है। इसके बाद भी कर्मचारी नहीं माना और 60 रुपए वसूलने के बाद ही गाड़ी आगे जाने दी। इस दौरान दो और कर्मचारी गाड़ी के पास आकर खड़े हो गए। उन्होंने भी धमकाया पहले पैसा दो तब गाड़ी आगे जाएगी।
अफसर भी नहीं चाह रहे पार्किंग 10 मिनट फ्री हो
एयरपोर्ट की पार्किंग का फ्री समय 5 मिनट से बढ़ाकर 10 मिनट करने के लिए लोकसभा सांसद बृजमोहन अग्रवाल भी पहल कर चुके हैं। एयरपोर्ट सलाहकार समिति के सदस्य भी इस फैसले से सहमत हैं। लेकिन अभी तक अथॉरिटी के अफसरों ने इस पर कोई पहल नहीं की है।
केंद्रीय उड्डयन विभाग तक लोगों की इस मांग को पहुंचाया तक नहीं गया है। न हो कोई प्रस्ताव भेजा गया है। अफसर ये कहकर हाथ खड़े कर रहे हैं कि एयरपोर्ट पार्किंग का ठेका सेंट्रल स्तर पर जारी होता है। इसमें लोकल अथॉरिटी का कोई दखल नहीं होता है। नियमावली भी सेंट्रल से ही जारी होता है। इस वजह से लोगों की इस समस्या पर वे कुछ नहीं कर सकते। हालांकि लोगों का कहना है कि अथॉरिटी के अफसर ही नहीं चाहते कि पार्किंग का फ्री समय पांच से बढ़ाकर 10 किया जाए।