पनीर फैक्ट्री के पानी से 20 एकड़ खेत बंजर:ग्रामीण बोले-बदबू से उल्टी हो रही, स्कूली बच्चे बेहोश होकर गिरे, केमिकल-युक्त पानी खेतों में फेंका

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छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के कपसदा गांव में पनीर फैक्ट्री से निकलने वाले केमिकल युक्त पानी ने पूरे गांव की सेहत, खेती और भविष्य को खतरे में डाल दिया है। ग्रामीणों का आरोप है कि तालाब और खेतों में जहरीला पानी डाला जा रहा है। कैवल्य फ्रेश नाम की पनीर फैक्ट्री के खिलाफ सैकड़ों ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया है।

कपसदा गांव के खेतों में बहाए जा रहे केमिकल युक्त पानी से 20 एकड़ से अधिक खेत बंजर बन गए हैं। केमिकल युक्त पानी की बदबू इतनी भयंकर है कि गांव के लोगों का खाना तक खाना मुश्किल हो गया है। लोगों को उल्टियां हो रही है। स्कूली बच्चे बेहोश होकर गिर रहे हैं।

ग्रामीणों ने पंचायत में बैठक बुलाकर साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि अगर फैक्ट्री ने खेतों में पानी बहाना बंद नहीं किया, तो वे आंदोलन करेंगे। खेतों में उगने वाली फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं। कई किसानों की साल भर की मेहनत पर पानी फिर गया है।

अब जानिए क्या है पूरा मामला ?

दरअसल, दुर्ग जिला मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर दूर कुम्हारी के कपसदा गांव के लोग श्री ऑर्गेनिक मिल्क एंड मिल्क प्रोडक्ट्स नाम की कैवल्य फ्रेश पनीर फैक्ट्री से परेशान हैं। इस गांव की आबादी करीब 3 हजार है। पनीर फैक्ट्री से निकलने वाले केमिकल युक्त पानी ने पिछले 2 साल से ग्रामीणों का जीना मुहाल कर दिया है।

फैक्ट्री से महज 500 मीटर पर स्कूल हाई स्कूल है, जहां इसी रास्ते से कई बच्चे आते हैं। कुछ दिन पहले ही फैक्ट्री से गंदा पानी छोड़ा गया, जिससे स्कूल जा रही बच्ची बदबू के कारण बेहोश होकर गिर गई थी, जिसे फौरन अस्पताल पहुंचाया गया था। इसी तरह ग्रामीण भी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।

केमिकल युक्त पानी ले जाते टैंकर को पकड़ा

ग्रामीणों का आरोप है कि कैवल्य फ्रेश फैक्ट्री से रात में टैंकर में भरकर केमिकल युक्त पानी निकलता है। टैंकर चालक उसे सुनसान जगह ले जाकर किसान के खेत में छोड़ देता है। इससे उनकी जमीन बंजर हो जा रही है। इसको लेकर किसानों ने रात में निगरानी शुरू की।

इसी दौरान 2 दिन पहले गांव के लोगों ने बाइक से दौड़ाकर एक टैंकर को पकड़ा और कुम्हारी पुलिस के हवाले किया। ड्राइवर ने पुलिस को बताया कि वो फैक्ट्री से निकलने वाले गंदे पानी को लेकर दूर छोड़ने जा रहा था।

पनीर उत्पादन का गांव में हो रहा विरोध

ग्रामीणों ने फैक्ट्री के अंदर बनने वाले पनीर के प्रोसेस का विरोध किया, लेकिन फैक्ट्री के मालिक प्रियेश गुप्ता ने उत्पादन बंद करने से इनकार कर दिया। इसके बाद पंचायत ने निर्णय लिया कि वो 30 जून तक फैक्ट्री से निकलने वाले केमिकल युक्त पानी का भराव खत्म करें।

इस दौरान पंचायत में ग्रामीणों की सहमति से फैक्ट्री मालिक को एक महीने का समय दिया गया है। पंचायत में कहा गया है कि फैक्ट्री के पानी से जो बदबू आ रही है, उसको बंद करें। अगर ऐसा नहीं हुआ तो उन्हें पनीर का उत्पादन पूरी तरह से बंद करना होगा।

फैक्ट्री की स्थिति सुधारने पंचायत ने दिया मौका

कपसदा ग्राम पंचायत के सरपंच भूपेंद्र कुंवर का कहना है कि यहां जो पनीर फैक्ट्री है, उसमें से वायु और जल प्रदूषण हो रहा है। इससे निकलने वाली बदबू से लोग परेशान हैं। इसलिए इस फैक्ट्री को स्थिति सुधारने का एक महीने का समय दिया गया है। नहीं पंचायत की ओर से एक्शन लिया जाएगा।

फैक्ट्री मालिक ने कहा- उनके खुद के डेयरी फार्म

कैवल्य फ्रेश फैक्ट्री के मालिक प्रियेश गुप्ता का कहना है कि फैक्ट्री में दूध, दही, पनीर और घी का उत्पादन हो रहा है। फैक्ट्री से ट्रीटमेंट के बाद जो पानी निकलता है, वो बगल के खेत में भरा जाता है। अधिक समय तक जमा रहने से उस पानी से बदबू आने लगी है।

प्रियेश गुप्ता का कहना है कि उनके खुद के डेयरी फार्म कलेक्शन सेंटर हैं। वहां से वो दूध अपना फैक्ट्री तक लाते हैं। शुद्ध दूध पैकेजिंग, दही, पनीर और घी को प्रोसेस करके बनाने हैं। केमिकल युक्त पानी होने का आरोप गलत है। फूड विभाग भी इसकी जांच कर चुका है। जांच में पूरे सैंपल सही पाए गए हैं।

सुशासन तिहार कार्यक्रम में भी की गई लिखित शिकायत

पनीर फैक्ट्री मालिक अपनी बातों में अडिग रहा। प्रोडक्शन बंद करने से इनकार किया, तो ग्रामीणों ने सुशासन तिहार कार्यक्रम में लिखित शिकायत की। यहां के निवासी दीपक साहू ने आवेदन में लिखा है कि पनीर फैक्ट्री से निकलने वाले केमिकल युक्त पानी को खेत में छोड़ा जा रहा है।

केमिकल युक्त पानी से खेत की फसल खराब हो रही है। खेत में पैदावार नहीं हो रही है। फैक्ट्री के पानी से इतनी बदबू आ रही है। लोग बीमार हो रहे हैं। शिकायतकर्ता ने शासन से मांग की है कि फैक्ट्री की जांच कर ग्रामीणों को इस परेशानी से राहत दिलाएं।

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