स्वास्थ्य केंद्रों में मिली गंभीर लापरवाही:सूरजपुर के 2 केंद्रों में गंदगी और कर्मचारी गायब; संयुक्त संचालक ने दिए कार्रवाई के आदेश

Spread the love

सूरजपुर जिले में संभागीय संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवा की टीम ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कमलपुर और अजबनगर का औचक निरीक्षण किया। शनिवार को निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य केंद्रों में कई कमियां सामने आईं। दोनों केंद्रों में साफ-सफाई का अभाव पाया गया। दवाइयों का रखरखाव उचित तरीके से नहीं किया जा रहा था। कई कर्मचारी बिना सूचना के अनुपस्थित मिले। जिसके बाद सरगुजा संभाग के डॉ. अनिल कुमार शुक्ला ने कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

कमलपुर स्वास्थ्य केंद्र में लापरवाही

निरीक्षण के दौरान कमलपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल बेहाल मिला। साफ-सफाई की कमी और दवाइयों के रखरखाव में अनियमितता पाई गई। राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के प्रचार-प्रसार के लिए आवश्यक फ्लेक्सी और बैनर भी अनुपस्थित थे, जिससे आमजनों को सरकारी योजनाओं की जानकारी नहीं मिल पा रही।

सबसे गंभीर बात यह रही कि आयुष चिकित्सा अधिकारी डॉ. योगेश पांडेय 19 मई, 2025 से लगातार अनुपस्थित थे। इसके अलावा, नितेश कुमार सिंह एक दिन और स्टाफ नर्स वंदना टोप्पो पिछले लंबे अरसे से बिना सूचना के गैरहाजिर पाई गईं। इन कर्मचारियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए है।

अजबनगर में भी बिगड़े हालात

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अजबनगर में भी स्थिति कुछ अलग नहीं थी। यहां भी स्वास्थ्य सुविधाएं अव्यवस्थित, साफ-सफाई में कमी और दवाइयों का रखरखाव अनुचित पाया गया। पुरुष और महिला वार्डों में मरीजों के इलाज में लापरवाही देखी गई। राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के प्रचार के लिए फ्लेक्सी और बैनर यहां भी गायब थे।

चिकित्सा अधिकारी डॉ. एस.एन. किडों बिना अवकाश स्वीकृति के कार्यस्थल से नदारद मिले, जबकि कर्मचारी सोहन कुमार तीन दिनों से अनधिकृत रूप से अनुपस्थित थे। इनके खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए गए।

इसके अलावा, हर शनिवार को आयोजित होने वाली सेक्टर बैठक भी नहीं हुई, जिसके लिए खंड चिकित्सा अधिकारी, सूरजपुर को कारण बताओ नोटिस जारी करने का आदेश दिया गया।

मौसमी बीमारियों से निपटने की तैयारी में ढिलाई नहीं – डॉ. शुक्ला

डॉ. शुक्ला ने मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए सभी स्वास्थ्य केंद्रों में दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने और सर्पदंश के इलाज के लिए आवश्यक दवाओं का भंडारण तैयार रखने के निर्देश दिए। उन्होंने चेतावनी दी कि भविष्य में आकस्मिक निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित पाए गए किसी भी कर्मचारी के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की जाएगी, जिसकी जिम्मेदारी स्वयं कर्मचारी की होगी।

तीन दिन में मांगा गया अनुपालन प्रतिवेदन

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि वे तीन कार्य दिवसों के अंदर निरीक्षण के अनुपालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। इस निरीक्षण ने ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को उजागर किया है, जिसके बाद प्रशासन से सख्त कदम उठाने की उम्मीद की जा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *