सूरजपुर जिले के जयनगर में एक कारोबारी के तीन गोदामों में प्रशासनिक अमले के छापे में नकली खाद के कारोबार का खुलासा हुआ है। छापे के दौरान मार्बल चूरे से पोटाश और नकली डीएपी बनाने का खुलासा हुआ है। तीन गोदामों में पड़े छापे में 9 हजार से अधिक खाद की खाली बोरियां मिली हैं। इस खाद की सप्लाई पूरे संभाग में की जाती है। सहकारी समितियों के लिए आए डीएपी खाद की जगह नकली खाद खपाने की आशंका है। सरगुजा कलेक्टर ने खाद की जांच के लिए टीम बनाई है।
सूरजपुर में बड़े पैमाने पर नकली खाद बनाने और सप्लाई के कारोबार पर छापे सरगुजा कलेक्टर विलास भोस्कर की सूचना पर मारे गए। सरगुजा कलेक्टर ने सूरजपुर कलेक्टर एस. जयवर्धन को सूचना दी कि सूरजपुर जिले के जयनगर में कारोबारी द्वारा बड़े पैमाने पर नकली खाद बनाने और बेचने की सूचना दी थी।
सूरजपुर कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम शिवानी जायसवाल और कृषि विभाग की संयुक्त टीम ने लक्ष्मी ट्रेडर्स के तीन गोदामों में छापे मारे। इनमें से एक गोदाम कृषि विभाग की सूची में नहीं है।
बिना बैच और लॉट नंबर के खाद, खाली बोरियां जब्त
छापे के दौरान दुकान संचालक महावीर अग्रवाल द्वारा गोदाम में कृष्णा फासकेम कंपनी का 47.750 टन खाद होने की पर्ची दिखाई गई। जांच के दौरान गोदामों में यह खाद नहीं मिला, बल्कि बिना बैच और लॉट नंबर के 2460 बोरी खाद जब्त किया गया।
संचालक के गोदाम में 60 बोरी मार्बल चूरा पाया गया। मार्बल चूरे के साथ ही पोटाश की तरह दिखने वाला 80 बोरी क्यूरेट ऑफ पोटाश पाया गया। गोदाम में अन्नदाता कंपनी का 52 बोरी पोटाश पाया गया, जिसमें मिलावट का संदेह है।
गोदाम में 9 हजार से अधिक खाली बोरियां मिली हैं, जो विभिन्न कंपनियों की प्रिंटेड खाली बोरियां हैं। साथ ही बोरियों की सिलाई के लिए 40 बंडल धाग भी जब्त हुआ है।
मार्बल पावडर से पोटाश, सुपर फास्फेट से डीएपी
एसडीएम शिवानी जायसवाल ने बताया कि प्रशासनिक जांच में नकली खाद बनाने और बेचने की पुष्टि हुई है। खाद की सैंपलिंग जांच के लिए भेजी जा रही है। तीनों गोदामों को सील कर दिया गया है।
दरअसल, मार्बल पावडर और पोटाश में ज्यादा अंतर नहीं होता। मार्बल पावडर मिक्स कर पोटाश खाद बनाया जाता है। दानेदार सुपर फास्फेट को डीएपी की बोरियों में पैक कर इसे खपाए जाने की आशंका है। सुपर फास्फेट जहां 400 रुपए बोरी बिकती है, वहीं डीएपी की कीमत 1400 से 1500 रुपए प्रति बोरी है।
बताया गया है कि मिलावटी खाद की सप्लाई कारोबारी द्वारा सूरजपुर, सरगुजा और बलरामपुर जिलों में छोटे व्यापारियों को की गई है।
करोड़ों का खेल, ऐसे हुई शंका
माना जा रहा है कि करोड़ों रुपए का नकली खाद छोटे दुकानदारों के माध्यम से संभाग में खपाया गया है। संभाग में खाद की भारी कमी है। नकली खाद के कारोबारी शक के घेरे में इसलिए भी आए क्योंकि जब डीएपी की रैक ही नहीं आई थी और छोटे दुकानों में डीएपी खाद मिल रहा था।
छोटे कारोबारियों को कारोबारी ने नकली डीएपी 800 रुपए से एक हजार रुपए प्रति बोरी तक में सप्लाई की है, जो डीएपी के दर से काफी कम है। इसकी जानकारी कुछ व्यापारियों ने सरगुजा कलेक्टर को दी तो उन्होंने कार्रवाई के लिए पहल की।
सहकारी समितियों में खाद की होगी जांच, समिति बनी
सरगुजा में एक पखवाड़े पूर्व डीएपी खाद की रेक पहुंची है। डीएपी की रैक विश्रामपुर में अनलोड हुई। सरकारी गोदाम से समितियों के लिए निकले ट्रक कुछ घंटों की दूरी के बावजूद दूसरे दिन समितियों में पहुंचे। इससे आशंका है कि ओरिजिनल खाद को पलटकर समितियों में कहीं नकली खाद तो नहीं पहुंचा दी गई है।
सरगुजा कलेक्टर विलास भोस्कर ने सरगुजा के सहकारी समितियों में पहुंचे डीएपी की खेप की जांच के लिए समिति बनाई है। यह समिति सहकारी समितियों से डीएपी की जांच कर रही है और सैंपलिंग कर रही है।
विश्रामपुर में रैक प्वाइंट पर अंबिकापुर और सूरजपुर के 3 कारोबारियों के गोदाम हैं। इनमें भी नकली खाद के भंडारण की आशंका है। ये निजी गोदाम भी जांच के दायरे में आ सकते हैं।