रायपुर – छत्तीसगढ़ में जल जीवन मिशन के अधूरे कार्य और भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच करने केंद्रीय टीम 2 जून को आएगी। केंद्रीय टीम प्रदेश के अलग-अलग जिलों में जाकर योजना की पड़ताल करेगी। प्रदेश के पांच जिले ऐसे हैं, जहां पर योजना का क्रियान्वयन ठीक से नहीं हुआ है, यहां अधूरा काम होने के बाद भी ठेकेदारों को भुगतान कर दिया गया है। जिन पांच जिलों में अधूरा कार्य और भ्रष्टाचार के मामले सामने आए हैं, उनमें रायपुर, राजनांदगांव, जांजगीर-चांपा, बस्तर और बेमेतरा जिला शामिल है। बताया गया है कि ऐसे जिले जहां की शिकायतें मिली हैं, उनकी भी जांच टीम कर सकती है।
अधिकारियों ने बताया कि, केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘जल जीवन मिशन’ का लक्ष्य 2024 तक देश के हर ग्रामीण परिवार को नल से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना था। अब इस मामले में केंद्र सरकार गंभीर है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में जल जीवन मिशन प्रोजेक्ट की जांच कराने का फैसला किया है। जांच के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं, जो मिशन की जांच व निरीक्षण करेंगे। यह रिपोर्ट पीएमओ को सौंपी जाएगी। छत्तीसगढ़ में इस योजना को लागू करने के भले ही बड़े-बड़े दावे किए गए हों, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां करती है। योजना के तहत छत्तीसगढ़ में कई जिलों कार्य अधूरा है। यहां पर अब तक एक तिहाई काम ही हो पाया है। चार साल में योजना को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। कोरोना और योजना के ठेके में गड़बड़ी के कारण यहां पर कार्य दो साल विलंब से शुरू हुआ था। राज्य के कुल 45 लाख घरों में से 20 लाख परिवारों को नल कनेक्शन प्रदान करना था।
कई गांवों में टंकी निर्माण कार्य अधूरा
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन का उद्देश्य ग्रामीणों के घरों में नल के जरिए पानी पहुंचाना है। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में टंकियों का निर्माण कार्य शुरू किया गया। लोगों के घरों तक पाइपलाइन बिछाई भी गई, लेकिन कई गांवों में आज तक पानी की टंकी ही पूरी नहीं बन पाई है। जो बनी है, वह भी आधी अधूरी है। कई जगहों पर पानी का स्रोत देखे बिना पानी टंकी बना दी गई। अब पानी का स्रोत नहीं मिलने पर टंकी खड़ी है, लेकिन पानी न होने के कारण योजना का उद्देश्य पूरा नहीं हो पाया। ऐसे में जल जीवन मिशन को लेकर निर्माण कार्य सवालों के घेरे में है।
केंद्रीय टीम आने के पहले 70 ठेकेदारों को नोटिस
केंद्र की प्राथमिकता वाली योजना जल जीवन मिशन के कार्यों की जांच के लिए केंद्रीय टीम आने से पहले राज्य ने भी कार्रवाई शुरू कर दी है। कांग्रेस शासन काल में गड़बड़ी करने वाले ठेकेदारों को लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने नोटिस दिया है। मुंगेली जिले में समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं करने वाले 70 ठेकेदारों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। विभाग ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि जल्द से जल्द अधूरे कार्य पूरे नहीं किए गए, तो संबंधित ठेकेदारों के विरुद्ध कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार के आरोप
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘जल जीवन मिशन’ के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री ने 60,000 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। कार्य को पूरा करने के लिए 31 मार्च 2024 की डेडलाइन भी रखी गई थी, लेकिन यह योजना आज भी अधर में लटकी हुई है। केंद्र ने राज्य सरकार के अनुरोध पर योजना तीन साल आगे बढ़ा दी है। जल जीवन मिशन को लेकर विधानसभा में इस योजना में भ्रष्टाचार को लेकर मामले उठे थे। यह आरोप था कि ठेकेदारों ने घटिया सामग्री का उपयोग किया है। अधिकारी निगरानी करने में पूरी तरह विफल रहे। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री की यह योजना केवल कागजों तक सिमट गई है।