छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में स्कूलों और शिक्षकों की युक्तियुक्तकरण काउंसिलिंग में एक 15 वर्षीय बच्चे से वीडियोग्राफी कराई जा रही थी। यह काउंसिलिंग रविवार को जिला पंचायत में आयोजित की गई थी। कार्यक्रम में जिला पंचायत सीईओ एस आलोक, एडिशनल कलेक्टर रवि साहू, अपर कलेक्टर रविराज ठाकुर समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
वीडियोग्राफी की जिम्मेदारी महासमुंद के बीईओ लीलाधर सिन्हा को दी गई थी। उन्होंने यह काम एक फोटो स्टूडियो को सौंपा। स्टूडियो संचालक ने 15 वर्षीय एक नाबालिग को वीडियोग्राफी के लिए भेज दिया।
मीडियाकर्मियों ने जब बच्चे से उसकी उम्र पूछी तो उसने 15 साल बताया। इस पर मीडियाकर्मियों ने बाल श्रम का मुद्दा उठाया। जिला पंचायत सीईओ ने तुरंत बीईओ को फटकार लगाई और नाबालिग को वापस भेजने का निर्देश दिया।
कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग के समीर पाण्डेय और जिला शिक्षा अधिकारी विजय कुमार लहरे भी मौजूद थे। लेकिन कोई भी अधिकारी बाल श्रम के इस मामले से अवगत नहीं था।