युक्तियुक्तकरण: सुकमा जिले में पूरी हुई प्रक्रिया, कलेक्टर बोले- छात्र-छात्राओं को होगा बड़ा फायदा

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सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में कलेक्टर देवेश ध्रुव ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि, छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत सुकमा जिले में अतिशेष शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है। जिले के सभी शिक्षक विहीन और एकल शिक्षक विद्यालयों जिनमें प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक, हाई और हायर सेकेंडरी विद्यालय शामिल हैं, उनमें काउंसलिंग के माध्यम से शिक्षकों का पदांकन सुनिश्चित किया गया है।

उन्होंने कहा कि, युक्तियुक्तकरण से विद्यालयों में शिक्षकों की पर्याप्त उपस्थिति सुनिश्चित होगी, जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इस प्रक्रिया से छात्रों को समान, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। विद्यालयों में शिक्षा का स्तर सुधरेगा और बच्चों को बेहतर शैक्षणिक माहौल और सुविधाएं मिलेंगी।

युक्तियुक्तकरण से बच्चों को मिलेगा व्यक्तिगत मार्गदर्शन और सहयोग
कलेक्टर ध्रुव ने युक्तियुक्तकरण के और फायदे बताते हुए कहा कि, इससे शिक्षकों की दक्षता और अनुभव का प्रभावी उपयोग संभव होगा। सीमित संसाधनों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित होगा। बच्चों को व्यक्तिगत मार्गदर्शन और सहयोग मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि, कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों को भी अच्छी शिक्षा का अवसर मिलेगा। शिक्षकों का मनोबल बढ़ेगा और वे अधिक आत्मविश्वास के साथ कार्य कर सकेंगे। विद्यालयों में शैक्षिक गतिविधियां और नवाचार को प्रोत्साहन मिलेगा।

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जिले में 29 प्राथमिक शालाएं शिक्षक विहीन
एपीसी जिला शिक्षा कार्यालय नारायण वर्मा ने बताया कि, सुकमा जिले में 29 प्राथमिक शालाएं शिक्षक विहीन और 230 प्राथमिक शालाएं एकल शिक्षकीय हैं। जिले में 2 पूर्व माध्यमिक शाला शिक्षक विहीन और 6 एकल शिक्षकीय हैं। यहां पर प्राथमिक स्कूलों में 303 शिक्षक और पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में 135 शिक्षकों की आवश्यकता है। यहां पर प्राथमिक शालाओं में 09 प्रधान अध्यापक, 76 सहायक शिक्षक, कुल 85 और पूर्व माध्यमिक शालाओं में 02 प्रधान अध्यापक और 35 शिक्षक कुल 37 शिक्षक, हाई स्कूल और हायर सेकेण्डरी स्कूल में 05 व्याख्याता ही अतिशेष हैं।

127 स्कूल युक्तियुक्तकरण से एक ही कैम्पस में संचालित होंगे
जिले में 127 स्कूल युक्तियुक्तकरण से एक ही कैम्पस में संचालित होंगे और 6 स्कूल दूसरे स्कूल में मर्ज हो जाएगें। जिले में 12 स्कूलों का समयोजन किया जा रहा है। 1030 स्कूलों में 1024 स्कूल यथावत संचालित होंगे। उन्होंने बताया कि, जिले में प्राथमिक स्तर पर अतिशेष शिक्षकों की संख्या सुकमा में प्रधान पाठक 3, सहायक शिक्षक 35, कोण्टा में प्रधान पाठक 2, सहायक शिक्षक 14, छिन्दगढ़ में प्रधान पाठक 4, सहायक शिक्षक 27, पूर्व माध्यमिक स्तर पर सुकमा में सहायक शिक्षक 9, कोण्टा में सहायक शिक्षक 11, छिन्दगढ़ में प्रधान अध्यापक 2, सहायक शिक्षक 15, हाईस्कूल स्तर पर छिन्दगढ़ में व्याख्याता 1, हॉयर सेकेण्डरी स्तर पर सुकमा में व्याख्याता 3, कोंटा में व्याख्याता 1 कुल शिक्षक 127 अतिशेष है। शिक्षक विहीन शालाओं की संख्या प्राथमिक स्तर पर सुकमा में 2, कोण्टा में 22, छिन्दगढ़ में 5, पूर्व माध्यमिक स्तर पर कोण्टा में 2, हाईस्कूल स्तर पर कोण्टा में 1, छिन्दगढ़ में 3 कुल 35 शिक्षक विहीन स्कूल, एकल शिक्षकीय शालाओं की संख्या प्राथमिक स्तर पर सुकमा 45, कोण्टा 92, छिन्दगढ़ 93, पूर्व माध्यमिक स्तर पर सुकमा 1, कोण्टा में 4, छिन्दगढ़ में 1 कुल 236 एकल शिक्षकीय शालाओं की संख्या हैं। इस अवसर पर नारायण वर्मा, एपीसी जिला शिक्षा कार्यालय, आशीष राम और प्रिंट- इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार मौजूद रहे।

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