इस अवसर पर यह भी निर्देशित किया गया कि शिविरों में विभिन्न विभागों की योजनाओं का एकीकृत क्रियान्वयन हो, जिससे ग्रामीणों को एक ही स्थान पर सभी लाभ मिल सकें। यह शिविर पंचायत स्तर पर आयोजित किए जाएंगे और इनका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल अधिकारियों ने विभिन्न योजनाओं की प्रगति से संबंधित जानकारी दी और अपने क्षेत्रों में शिविर आयोजन की तैयारियों को साझा किया। कलेक्टर लंगेह ने कहा कि प्रशासन का उद्देश्य केवल योजनाओं का क्रियान्वयन नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि अंतिम व्यक्ति तक उसका लाभ पहुंचे।
बैठक के दौरान कलेक्टर ने “धरती आबा“ कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा करते हुए कहा कि कल 17 जून से प्रारंभ हो रहे शिविरों का आयोजन समयबद्ध और प्रभावी ढंग से किया जाए। जनपद स्तर के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे अपने क्षेत्र में शिविरों की निगरानी स्वयं करें एवं हितग्राहियों को समय पर योजना का लाभ मिलना सुनिश्चित करें। सहायक आयुक्त आदिवासी विकास ने मंडल संयोजकों को निर्देश दिए कि सभी आवश्यक दस्तावेज और योजनाओं की जानकारी शिविर स्थल पर उपलब्ध होनी चाहिए। हितग्राहियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए पूर्व से सूचना प्रचार-प्रसार कराया जाए।
उल्लेखनीय है कि जिले के 306 ग्रामों के जनजातीय समुदायों तक सरकारी योजनाओं और सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करने जागरूकता व लाभ शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। जिले में पहले दिन 17 जून को महासमुंद विकासखंड अंतर्गत ग्राम रुमेकेल, बागबाहरा अंतर्गत ग्राम टेढ़ीनारा, पिथौरा अंतर्गत गोपालपुर में एवं सरायपाली विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत डूडूमचुंवा में शिविर लगाया जाएगा।