रायपुर। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार बनने के बाद ही नक्सल बेल्ट के गांवों को सरकारी सुविधाओं का लाभ दिलाने के उद्देश्य से ‘नियद नेल्लानार योजना’ प्रारम्भ की गई। इसके अलावा जल जीवन मिशन के तहत गांवों में शुद्ध पेयजल मिलने लगा। वहीं ‘नियद नेल्लानार योजना’ के माध्यम से नक्सल प्रभावित गांवों तक बुनियादी सुविधाएं और जन कल्याणकारी परियोजनाओं का लाभ पहुंचाया जा रहा है। इस योजना के तहत बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा शिविरों के पांच किलोमीटर के क्षेत्र में स्थित गांवों में सुविधाएं और लाभ प्रदान किए जा रहे हैं। सरकार ने बस्तर के अंदरूनी नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों में अनेक नए सुरक्षा कैंप बनाये हैं। हर कैंप के आस-पास के कुल पांच गांवों को एक कैंप में शामिल किया गया है। इन गांवों में सरकार की तरफ से लागू कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। इन गांवों में सरकार मूलभूत संसाधन और सुविधाएं उपलब्ध करा रही है। इनमें आवास, अस्पताल, पानी, बिजली, सड़क, पुल-पुलिया, स्कूल आदि शामिल हैं। ताकि नक्सल प्रभावित लोगों के जीनव स्तर में सुधार आ सके।

ग्रामीणों की आंखों में उम्मीद और विश्वास की चमक
बीजापुर जिले के हीरापुर ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम पुसकोंटा की कभी पहचान सुविधाहीन गांव की थी, पर अब वहां पर बदलाव की बयार बह रही है। नक्सलियों ने बस्तर संभाग के दूरस्थ अंचलों में अपने आतंक और दहशत के दम पर विकास को रोके रखा था। अब इन जगहों पर तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं। लोगों को मूलभूत सुविधायें मिल रही हैं। नियद नेल्लानार योजना ने वह कर दिखाया, जो लंबे समय से सिर्फ एक सपना था। गांव के प्रत्येक घर में जब पहली बार बल्ब जला, तो वह एक नए जीवन की शुरुआत थी। पुसकोंटा के ग्रामीण देवा कुंजाम, भीमा माड़वी, नागू पोट्टाम और जमुना मिच्चा की आँखों में यह चमक साफ देखी जा सकती है, जो उम्मीद और विश्वास की होती है।
जल जीवन मिशन से घर के पास पहुंचा पानी
गृहिणी जमुना मिच्छा कहती हैं, जल जीवन मिशन के तहत हर घर में नल होने से अब हमें पानी के लिए हैण्डपंप तक नहीं जाना पड़ता। पहले बच्चों को अकेला छोड़कर पानी लाने जाना पड़ता था, अब घर में ही पानी है, तो बच्चों का भी ठीक से ध्यान रख पाती हूं।
रायपुर यात्रा ने दिखाए नए सपने
भीमा माड़वी के लिए तो यह बदलाव कुछ और ही मायने रखता है। वे पहली बार रायपुर देखने पहुंचे – एक ऐसा अनुभव जो पहले कभी कल्पना में भी नहीं था। वे कहते हैं, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर आज पुसकोंटा जैसे दूरदराज गांव के ग्रामीण भी राजधानी के विकास कार्यों को देख पा रहे हैं। नियद नेल्लानार योजना ने वह कर दिखाया, जो लंबे समय से सिर्फ एक सपना था। गांव के प्रत्येक घर में जब पहली बार बल्ब जला, तो वह एक नए जीवन की शुरुआत थी। पुसकोंटा के ग्रामीण देवा कुंजाम, भीमा माड़वी, नागू पोट्टाम और जमुना मिच्चा की आँखों में यह चमक साफ देखी जा सकती है, जो उम्मीद और विश्वास की होती है।

पीएम आवास, शौचालय के साथ स्वास्थ्य सुविधा भी पहुंची
नियद नेल्लानार योजना सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि एक विजन है है। वह विजन जो हर गांव को विकास की मुख्यधारा से जोड़ता है। अब पुसकोंटा जैसे गांवों में न सिर्फ रोशनी आई है, बल्कि संभावनाओं की नई सुबह भी हुई है। प्रधानमंत्री आवास, शौचालय, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी सुविधाएं अब यहां दस्तक दे रही हैं। ये बदलाव सिर्फ सुविधा का नहीं, बल्कि सम्मान और आत्मनिर्भरता का है।
शुद्ध पेयजल, सड़क और बिजली पहुंची मुदवेंडी गांव तक
बीजापुर जिले का छोटा सा गांव मुदवेंडी अब बदलाव की मिसाल बन गया है। जिला मुख्यालय से करीब 35-40 किलोमीटर दूर स्थित यह गांव अब न केवल शुद्ध पेयजल और पक्की सड़क से जुड़ चुका है, बल्कि अब यहां बिजली की रोशनी ने भी दस्तक दे दी है। यह सब संभव हुआ है मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की दूरदृष्टि और नियद नेल्लानार योजना की बदौलत। इस गांव में केवल 45 परिवार रहते हैं, पर इनके जीवन में हाल के दिनों में जो परिवर्तन आया है, वह अभूतपूर्व है। पहले जहां शाम होते ही अंधेरा छा जाता था और रात में एक कदम चलना भी जोखिम भरा होता था, वहीं अब बिजली आने से न केवल घरों में उजाला हुआ है, बल्कि ग्रामीणों के दिलों में भी उम्मीद की लौ जल उठी है।