– गर्भवती महिलाओं का पंजीयन और संस्थागत प्रसव को बढ़ावा दिया जाए
– एएनसी पंजीयन 80 प्रतिशत से कम होने वाले ग्राम पंचायत के सेक्टर स्वास्थ्य अधिकारियों को दिया जाएगा नोटिस
– कलेक्टर ने स्वास्थ्य सुविधा को और बेहतर करने ली समीक्षा बैठक
दुर्ग : कलेक्टर श्री पुष्पेन्द्र कुमार मीणा ने कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आज स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों से कहा कि जिले का महत्वपूर्ण दायित्व आपके पास है इस पर लापरवाही न बरते। बैठक के दौरान जिले में गर्भवती माताओं को प्रसव पूर्व किए गए जांच (एएनसी) की गहन समीक्षा की गयी। कलेक्टर द्वारा चतुर्थ प्रसव पूर्व जांच, संस्थागत प्रसव, चतुर्थ प्रसव पूर्व जांच के आधार पर संस्थागत प्रसव संबंधी अन्य आंकड़ों का विश्लेषण करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
इसके लिए एएनएम व आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविकाएं घर-घर जाकर गर्भवती महिलाओं को प्रेरित करती हैं। प्रसव के पहले ही संभावित जटिलता का पता चल जाता है, जिससे प्रसव के दौरान होने वाली परेशानियों में काफी कमी भी आती और इससे होने वाली मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में भी कमी आती है। गर्भावस्था की संपूर्ण अवधि के दौरान कम से कम चार बार एएनसी जरूरी है।
कलेक्टर ने संस्थागत प्रसव एवं एएनसी रजिस्ट्रेशन में तेजी लाने के निर्देश दिए। एएनसी रजिस्ट्रेशन 80 प्रतिशत से कम होने वाले ग्राम पंचायत के सेक्टर स्वास्थ्य अधिकारियों को नोटिस जारी करने को कहा। कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि शासन की योजनाओं का लाभ गरीब और जरूरतमंद लोगों को अवश्य मिलनी चाहिए। उन्होंने गर्भवती महिलाओं के पंजीयन को बढ़ाने और स्वास्थ्य केन्द्र में प्रसव कराने के लिए जागरूकता अभियान चलाने को कहा।
उन्होंने सेक्टर अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में सर्वे कराकर गर्भवती महिलाओं को पंजीयन कराने के निर्देश दिए। गर्भवती महिलाओं को अपने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में प्रसव कराने पर जोर दिया। उन्होंने मातृ शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए स्वास्थ्य केन्द्रों में सुरक्षित प्रसव कराने के निर्देश दिए। लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने और योजनाओं के क्रियान्वयन की प्रगति में बेहतर परिणाम लाने के निर्देश सेक्टर स्वास्थ्य अधिकारियों को दिए। कलेक्टर ने जिले में हुई स्वास्थ्यगत कारणों, प्रसव के दौरान नवजात शिशुओं की मृत्यु के प्रकरणों के संबंध में चर्चा की।
कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कहा कि स्वास्थ्य केन्द्र में उपलब्ध संस्थागत प्रसव सुविधा का व्यापक प्रचार प्रसार कर अधिक गर्भवती महिलाओं का संस्थागत प्रसव करवाना सुनिश्चित करें। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, मितानिन कार्यकर्ताओं द्वारा गर्भवती महिलाओं को आवश्यक सहयोग एवं क्षेत्र में जागरूकता तथा संस्था के माध्यम से प्रदाय किए जाने वाले सुविधाओं का प्रचार प्रसार करने को कहा गया। उन्होंने निजी नर्सिंग होम की समय-समय पर बैठक लेने को कहा और नर्सिंग होम के द्वारा जानकारी प्राप्त नही होने पर कार्यवाही करने को कहा। उन्होंने कहा कि नागरिकों के स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से आयुष्मान कार्ड का बनना बहुत जरूरी है।
सभी इस कार्य को प्राथमिकता से करना सुनिश्चित करें। बैठक के दौरान उपस्थित फिजियोथेरिपिस्ट द्वारा किए जा रहे कार्यो के बारे में जानकारी ली और उनके कार्यो की प्रशंसा की। बैठक के दौरान मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी श्री जे.पी.मेश्राम सहित सभी विकासखण्ड के स्वास्थ्य अधिकारी मौजूद थे।