देश के गृहमंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ आ रहे हैं। इसकी तैयारियों को लेकर शुक्रवार को CM विष्णुदेव साय ने हाई लेवल मीटिंग ली। अमित शाह 22 जून को आएंगे। शाह नक्सल हिंसा में शहीद हुए पुलिसकर्मी, अधिकारियों के परिजनों से मुलाकात करेंगे। गृह मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक, शाह एंटी नक्सल ऑपरेशन की प्रोग्रेस रिपोर्ट पर एक रिव्यू मीटिंग भी लेंगे। इसमें छत्तीसगढ़ पुलिस, BSF, CRPF जैसी सेंट्रल पुलिस फोर्स के आला अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।
CM साय ने शाह के दौरे को लेकर तैयारियों के निर्देश दिए हैं। अमित शाह रायपुर से बस्तर भी जा सकते हैं। प्रदेश के गृह मंत्री विजय शर्मा, वन मंत्री केदार कश्यप, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज पिंगुआ, पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम इस बैठक में मौजूद थे।
बस्तर पंडुम समारोह में शामिल होने छत्तीसगढ़ आए थे शाह
इससे पहले गृहमंत्री अमित शाह तीन महीने पहले अप्रैल महीने में बस्तर के पंडुम समापन समारोह में शामिल होने छत्तीसगढ़ आए थे। समारोह में शामिल होने के बाद शाह ने रायपुर लौटकर एंटी नक्सल ऑपरेशन पर हाईलेवल मीटिंग ली थी। इस बैठक में एंटी नक्सल ऑपरेशन से जुड़े पुलिस, CRPF और BSF जैसे सेंट्रल फोर्स के कमांडर शामिल हुए थे।
शाह की डेडलाइन, 2026 तक करेंगे नक्सलवाद का खात्मा
31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद खत्म करने की बात अमित शाह ने रायपुर में बीते साल मीटिंग में कही थी। इस टारगेट को पूरा होने में करीब 1 साल से कम का समय बच हुआ है। साय सरकार बनने के बाद 350 से ज्यादा नक्सलियों का एनकाउंटर हुआ। इसलिए नक्सलवाद के खात्मे के लिए शाह का यह दौरा अहम माना जा रहा है।
नक्सल ऑपरेशन में भूमिका:
इस दौरान बस्तर जिले को नक्सल मुक्त घोषित किया गया है। यहां किसी भी तरह की नक्सल गतिविधि न हो ये SP और पूरे जिले की टीम देख रही है। पड़ोस के जिलों के ऑपरेशन में टीम भेजकर वहां ऑपरेशन किए और कामयाबी भी मिली।
भाजपा सरकार बनते ही 427 नक्सली मारे गए
छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार बनने के बाद अब तक 400 से ज्यादा नक्सली मारे गए हैं। 7 जून को दिल्ली दौरे पर पहुंचे सीएम साय ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर प्रदेश में चल रहे नक्सल ऑपरेशन की जानकारी दी थी।
CM ने बताया कि, कैसे प्रदेश में सेंट्रल फोर्स और स्टेट पुलिस मिलकर नक्सलियों के खिलाफ अभियान चला रही है। इस दौरान नक्सल प्रभावित जिलों में सरकार की योजनाएं सरेंडर पॉलिसी को लेकर भी अमित शाह और मुख्यमंत्री के बीच बातचीत हुई।
डेढ़ साल में 1,428 माओवादियों ने किया सरेंडर
मुख्यमंत्री ने बताया कि, राज्य सरकार की नई रणनीति और केंद्र के सहयोग से नक्सल उन्मूलन अभियान को निर्णायक मोड़ पर पहुंचाया गया है। डेढ़ साल में चलाए गए अभियानों के सकारात्मक परिणाम मिले हैं। 1,428 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है, जो पिछले पांच साल की तुलना में अधिक है।
मुख्यमंत्री साय ने शाह को बताया कि, 205 मुठभेड़ में 427 माओवादी मारे गए। जिनमें नक्सल संगठन के महासचिव बसवा राजू और सेंट्रल कमेटी सदस्य सुधाकर जैसे कुख्यात माओवादी शामिल हैं। इसके साथ ही राज्य में 64 नए फॉरवर्ड सुरक्षा कैंपों की स्थापना की गई है। जिससे सुरक्षा नेटवर्क मजबूत हुआ है।
शाह का दावा- 2026 तक खत्म कर देंगे नक्सलवाद
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अगस्त 2024 और दिसंबर 2024 में छत्तीसगढ़ के रायपुर और जगदलपुर आए थे। वे यहां अलग-अलग कार्यक्रमों में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने अलग-अलग मंचों से नक्सलियों को चेताते हुए कहा था कि हथियार डाल दें। हिंसा करोगे तो हमारे जवान निपटेंगे।
वहीं उन्होंने एक डेडलाइन भी जारी की थी कि 31 मार्च 2026 तक पूरे देश से नक्सलवाद का खात्मा कर दिया जाएगा। शाह के डेडलाइन जारी करने के बाद से बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन काफी तेज हो गए हैं।