पंचायत विभाग में अफसरों की मनमानी: सचिव को दे रहे सह, महिला सरपंच अधिकारों के लिए भटक रही

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छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के ग्राम नवागांव की सरपंच अंजू कोसले अपने दायित्व को लेकर उत्साहित हैं। उनका सपना है कि, वह अपने गांव के बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों के लिए कुछ करे लेकिन व्यवस्था की बेरुखी ने धीरे-धीरे उनके उत्साह को कम कर दिया है।

नवागांव के 1 हजार ग्रामीणों ने जिस उम्मीद से अंजू को अपना प्रतिनिधि चुना, वही भरोसा अब टूटने की कगार पर है। अंजू कोसले लोगों के आशीर्वाद से सरपंच बनीं लेकिन चार महीने बीतने के बाद भी उन्हें अपने गांव के लिए काम करने का मौका नहीं मिल सका है।

सरपंच का पद मिला लेकिन अधिकार नहीं
पंचायत की सचिव की मनमानी सरपंच के दृढ़ निश्चय पर भारी पड़ता नजर आ रहा है। पिछले चार महीने से सचिव पंचायत भवन भी नहीं पहुंची है। इस वजह से सरपंच मंजू को न तो चार्ज मिला, न कोई दस्तावेज, न ही किसी योजना की जानकारी मिली। उसे मिला तो बस एक निर्वाचित पद और अधूरी जिम्मेदारियां।

अधर में लटकी हैं कई समस्याएं
गांव की मूलभूत समस्याएं जैसे जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, वृद्धावस्था पेंशन, आवास, स्वच्छता सब अधर में लटके हुए हैं। ग्रामीण अपनी समस्या लेकर अंजू के पास आते हैं, लेकिन सरपंच अंजू भी बिना अधिकार के उनकी समस्या हल नहीं कर पाती हैं।

अधिकारियों ने दी पद से हटवाने की धमकी
नवनिर्वाचित सरपंच अंजू ने कई बार जनपद के सीईओ, कलेक्टर और यहां तक कि, सुशासन तिहार शिविरों में अपनी व्यथा सुनाई। इसके बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो सकी। उल्टे अधिकारियों ने शिकायत करने पर घारा 40 के तहत पद से हटवाने की धमकी तक दे डाली।

क्या यही है महिला सशक्तिकरण?
जब एक महिला को लोगों ने भरोसे से सरपंच बनाया तो यह सिर्फ एक चुनाव नहीं था। यह एक उम्मीद थी कि, गांव में बदलाव आएगा लेकिन आज वह महिला हर दिन पंचायत भवन की ओर निहारती है। इस उम्मीद से कि, शायद कोई अधिकारी आए और उसे अधिकारों की चाबी सौंप दे पर ऐसा कुछ नहीं हो रहा।

चार महीने से नदारद है पंचायत सचिव
ग्रामीणों ने बताया कि, सचिव चार महीने में केवल एक बार गांव आई – और फिर वापस नहीं लौटी। उनके बिना न कोई दस्तावेज बन रहा, न योजना चल रही। एक बुजुर्ग महिला कहती हैं, ‘बेटा, अब पेंशन भी नहीं मिलती… किससे कहें, सरपंच भी बेबस है।‘

ग्रामीणों ने लगाई प्रशासन से गुहार
ग्राम नवागांव के लोगों ने अब जिला प्रशासन से गुहार लगाई है और सचिव को हटाने की मांग की है। उनका कहना है कि, नया सचिव नियुक्त किया जाए और अंजू कोसले को तत्काल पंचायत का चार्ज सौंपा जाए ताकि वह अपना काम शुरू कर सके।

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