रायपुर। एक योजना है, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम)। इसका मकसद है खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि करना, खासतौर पर दालों का। इस योजना के तहत रायपुर में चने की खेती के लिए सौ हेक्टेयर जमीन और सौ किसानों का चयन किया गया। अफसरों ने पैसा पूरा निकाला लेकिन काम अधूरा कर फोटो खिंचाकर पैसा हजम कर लिए। जांच में अफसरों को दोषी पाया गया। जांच रिपोर्ट के मुताबिक 20 हेक्टेयर में ही चना का उत्पादन कराकर फसल और किसानों के साथ फोटो खिंचवाई तथा शेष 80 हेक्टेयर में कागजों में उत्पादन दिखा दिया।
इस जांच रिपोर्ट की भी पड़ताल की हरिभूमि ने की। पड़ताल में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। मसलन एक महिला को किसान बताया गया, वह किसान ही नहीं है। हरिभूमि की टीम शनिवार को रायपुर जिले के अभनपुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम तोरला, भुरका, गोरभट्टी, टीला, चंपारण आदि ग्रामों में पहुंची। पता चला कि क्षेत्रीय कृषि विस्तार के अफसरों ने किसानों को उनके खेतों के रकबा के अनुसार चना बीज व कीटनाशक दवा का वितरण नहीं किया, बल्कि कागज में ऐसे लोगों को भी बीज वितरण करना बता दिया हैं, जो पेशे से किसान ही नहीं हैं और न ही खेती के लिए उनके पास कोई जमीन है।
तीन एकड़ जमीन के किसान को मिला एक कट्टा चना
भुरका निवासी किसान जगदीश साहू ने बताया कि, उसका तीन एकड़ जमीन है। इस जमीन पर खेती करता है। एनएफएसएम योजना की सूची में उसका नाम भी है, लेकिन उसे मात्र एक कट्टा चना बीज ही मिला, जिसके कारण वह सिर्फ एकड़ में ही फसल लगा पाया। बाकी दो एकड़ में चना नहीं लग पाया। उसी अनुपात में उसे कीटनाशक दिया गया। किसान ने बताया कि रिकार्ड में उसे तीन एकड़ में चना और कीटनाशक दिया गया है, जो कि सही नहीं है।
निशुल्क देना था, किसान से ले लिए दस हजार
किसान नोहरदास ने बताया कि उसकी लगभग तीन एकड़ जमीन है। योजना के तहत उसे ग्राम तोरला ग्राम सेवा के अधिकारी ने दस हजार रुपए लेकर चना बीज के 9 कट्टे दिए थे। किसान ने बताया कि उसे मालूम नहीं था कि बीज निःशुल्क वितरण किया जा रहा है, उसने यह समझकर पैसे दिए कि विभाग की स्कीम के तहत कम कीमत पर उसे बीज मिला है। उल्लेखनीय है कि अभनपुर विकासखंड क्षेत्र के चुनिंदा ग्रामों में चयनित किसानों को 100 हेक्टेयर फसल के लिए चना बीज के साथ कीटनाशक दवा निःशुल्क वितरण किया जाना था, लेकिन क्षेत्र के कृषि विस्तार के दो अधिकारियों ने फर्जीवाड़ा कर लाखों रुपए का चना और कीटनाशक दवा को किसानों को वितरित नहीं कर गबन किया गया हैं। इसका खुलासा अभनपुर एसडीएम द्वारा कमेटी बनाकर कराई गई जांच में हुआ है।
जिला अधिकारी ने कहा जांच अधूरी
जिला कृषि विभाग के अधिकारी का कहना है कि जांच रिपोर्ट अभी अधूरी है, क्योंकि चयनित किसानों को जितनी मात्रा में चना-कीटनाशक दवा वितरण किया गया हैं। इस रिपोर्ट में उन सभी किसानों के बयान नहीं लिए गए हैं। यहीं कारण है कि फिलहाल मामले में कार्रवाई नहीं की है। जांच में भी लीपापोती जांच कमेटी की जांच में भी लीपापोती की गई है। कमेटी में शामिल अफसरों ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को भी किसान बता दिया है। यह वहीं महिला किसान है जिसके नाम पर दो बार बीज वितरण जांच रिपोर्ट में बताया गया है।
एक महिला के दो नाम, वो भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता
हरिभूमि की टीम ने शनिवार को अभनपुर के उन सभी ग्रामों में पहुंची, जहां रहने वाले किसानों के नाम इस योजना की सूची में शामिल थे। टीम ने इस दौरान ग्राम भुरका में उन किसानों से भी बातचीत की, जिनके नाम जांच कमेटी की रिपोर्ट में हैं। ग्राम भुरका की महिला किसान सती शर्मा की जमीन खसरा नंबर 127 रकबा 0.30 हेक्टेयर में तथा रानू शर्मा जिसका खसरा नंबर 534 रकबा 0.20 हेक्टेयर में चना का उत्पादन किया गया है। इन दोनों को चना वितरण किया गया है, लेकिन हरिभूमि की जांच में पता चला कि सती शर्मा एवं रानू शर्मा दोनों नाम एक ही महिला का है और यह महिला गांव में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है। इस महिला ने हरिभूमि से बातचीत कर बताया कि वह किसान नहीं है और न ही उसका कोई खेत है और कभी भी उसने ग्राम सेवा समिति से कोई निःशुल्क चना बीज लिया है।
जांच में दोनों अधिकारी दोषी पाए गए
अभनपुर तहसीलदार के नेतृत्व में गठित जांच टीम में आरआई, पटवारी भी शामिल थे। इस टीम ने सभी ग्रामों में जाकर चयनित सूची के अनुसार खेतों में लगी चना फसल का निरीक्षण किया। इस निरीक्षण में लगभग 20 हेक्टेयर जमीन पर ही चना की फसलें लगी मिलीं, शेष किसानों में कहीं-कहीं दूसरी फसलें लगी मिली, वहीं कई किसानों के खाली खेत मिले। टीम की बातचीत में कई किसानों ने यह भी बताया कि उन्हें चना-कीटनाशक एकड़ की तुलना में कम या बिल्कुल नहीं मिला है। टीम को जांच में इसकी भी जानकारी मिली है कि अधिकारियों ने किसानों को बांटा जाने वाला चना और कीटनाशक दवा को बाजार में बेच दिए हैं।
दोबारा एसडीएम कार्यालय भेजी गई
रायपुर कृषि विभाग के जिला अधिकारी आर. कश्यप ने बताया कि, इस मामले की जांच की गई है। एसडीएम अभनपुर कार्यालय से इसकी रिपोर्ट आई है, जिसमें दो अधिकारियों को दोषी पाया गया है, लेकिन 80 क्विंटल चना बीज बांटा गया हैं, जिसमें कई किसानों का बयान नहीं लिया गया है, इसलिए दोबारा जांच के लिए फाइल भेजी गई है।
भेजी गई है रिपोर्ट
अभनपुर एसडीएम रवि सिंह ने बताया कि, कमेटी की जांच में दो अफसर दोषी पाए गए हैं। इन दोनों के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रशासन को रिपोर्ट भेजी गई है, जिस पर कार्रवाई लंबित है।