सरगुजा में पहली बार दो घोड़ों में ग्लैण्डर्स नामक खतरनाक संक्रामक बीमारी की पुष्टि होने के बाद दोनों घोड़ों को जहर देकर मारा गया। शादी विवाह में उपयोग होने वाले को अश्वों में इसके लक्षण नजर आने पर इनके सैम्पल लेकर राष्ट्रीय अश्व अनुशंधान केंद्र हिसार भेजा गया था। रिपोर्ट आने के बाद शुक्रवार को कलेक्टर की अनुमति मिलने के बाद इस प्रक्रिया के लिए भारत सरकार द्वारा जारी एसओपी के तहत आदेश जारी किए गए और विभिन्न विभागों से इस कार्य के लिए अधिकारियों की ड्यूटी भी लगाई गई।
घोड़ों की मौत के बाद सुरक्षित दफनाया
घोड़ों में ग्लैण्डर्स की पुष्टि होने के पशुपालन विभाग के उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डॉ. आरपी शुक्ला के नेतृत्व में टीम अश्व पालक कमल धीवर के अस्तबल से दोनों अश्वों को नगर निगम के वाहन में सवार कर भिट्ठीकला ले जाया गया जहां उन्हें जहर का इंजेक्शन देकर मारा गया और उसके बाद निगम द्वारा पहले से खोदकर तैयार किए गए गड्डों में प्रोटोकोल के तहत दफ़न किया गया।
ढाई लाख में खरीदा गया था घोड़ा-घोड़ी
इस मामले में अश्व मालिक कमल धीवर का कहना है कि उसने एक घोड़ा और एक घोड़ी को ढाई लाख में खरीदा था। इसमें से सिर्फ घोड़ी की कीमत डेढ़ लाख रूपए थी जबकि घोड़े की कीमत एक लाख रूपए थी। अश्व मालिक के अनुसार उसकी घोड़ी गर्भवती थी और एक सप्ताह के अन्दर बच्चा देने वाली थी। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि पशु पालक को उसके नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा दिया जाएगा।
दी गई है इच्छा मृत्यु
उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डॉ. आरपी शुक्ला ने बताया कि, घोड़ों में ग्लैण्डर्स की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। ऐसे में कलेक्टर से अनुमति लेने के बाद दोनों घोड़ों को इच्छा मृत्यु दी गई है। इसके साथ ही सभी घोड़ों का सैम्पल लिया जाएगा। वहीं इसके सम्पर्क में आने वाले लोगों, सैम्पल लेने वाले चिकित्सकों के भी ब्लड सैम्पल लेकर जांच के लिए भेजे जाएंगे।