ठेका दिलाने के नाम पर 15 करोड़ की धोखाधड़ी
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से एक बड़ा ठगी और राजनीतिक रसूख से जुड़ा मामला सामने आया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी माने जाने वाले केके श्रीवास्तव को तेलीबांधा पुलिस ने 1 जुलाई तक रिमांड पर लिया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने स्मार्ट सिटी और नवा रायपुर (एनआरडीए) के प्रोजेक्ट में 500 करोड़ रुपये का काम दिलाने का झांसा देकर दिल्ली के कारोबारी अशोक रावत से 15 करोड़ रुपये ऐंठ लिए।
लेकिन जब रावत को काम नहीं मिला, उसने पैसे वापस मांगे। श्रीवास्तव ने वादा किया कि वो 17 सितंबर 2023 तक पैसे लौटा देगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उल्टा उसने कुछ राशि अपने बेटे कंचन के बैंक खाते से लौटाई — करीब 3.4 करोड़, और फिर तीन चेक दिए, हर एक 3 करोड़ का, लेकिन चेक स्टॉप पेमेंट में डाल दिए गए।
️♀️ हुलिया बदलकर भागा था, भोपाल से गिरफ्तारी
तेलीबांधा पुलिस ने 20 जून की रात श्रीवास्तव को भोपाल में छापा मारकर गिरफ्तार किया, जहां वह हुलिया बदलकर रह रहा था। इस दौरान उसके बेटे कंचन को बनारस में हिरासत में लिया गया और पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया।
300 करोड़ का संदिग्ध ट्रांजेक्शन
एसआईटी जब श्रीवास्तव के बैंक खातों और घर की तलाशी कर रही थी, तब सामने आया कि करीब 300 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ है। सबसे चौंकाने वाली बात ये रही कि इन ट्रांजेक्शनों के लिए गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों के बैंक खातों का इस्तेमाल किया गया।
फिलहाल, पुलिस और SIT इस बात की जांच कर रही है कि यह रकम कर्ज थी या इसके पीछे मनी लॉन्ड्रिंग और राजनीतिक संरक्षण की कोई बड़ी साजिश है।
ED और EOW की एंट्री
इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी केके श्रीवास्तव से तीन दिन तक पूछताछ की है। शुरुआती जांच में मनी लॉन्ड्रिंग के सुराग मिले हैं। हालांकि, अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है।
इसके अलावा, आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने भी श्रीवास्तव और उनके बेटे कंचन से लंबी पूछताछ की, जिसमें आबकारी घोटाले की संभावित कड़ी भी तलाशी जा रही है।
राजनीतिक धमकियां और नक्सली संपर्क की धमकी
जब कारोबारी रावत ने श्रीवास्तव पर पुलिस में शिकायत की धमकी दी, तो उसने रावत को धमकाया कि उसकी पहचान नक्सलियों और राजनीतिक रसूखदारों से है, और उसने रावत के परिवार को जान से मारने की धमकी भी दी।
इसके बाद रावत ने तेलीबांधा थाने में FIR दर्ज कराई, जिसके बाद से श्रीवास्तव फरार था।
साइबर फ्रॉड का नया जाल – रायपुर से 41 नंबरों से ठगी
इस पूरे घोटाले के समानांतर एक और मामला उजागर हुआ है। केंद्र सरकार की समन्वय पोर्टल पर दर्ज शिकायतों के आधार पर खुलासा हुआ कि रायपुर से संचालित 41 मोबाइल नंबरों से देशभर में लोगों को कॉल करके ठगी की जा रही थी। इन नंबरों से अब तक 18.52 लाख रुपये की साइबर ठगी हो चुकी है।
क्या है म्यूल अकाउंट और सिम स्कैम का कनेक्शन?
पुलिस को शक है कि जैसे म्यूल अकाउंट बेचे जाते हैं, वैसे ही अब मोबाइल सिम भी बेचे जा रहे हैं 10-15 हजार रुपये में। ये सिम कार्ड फर्जी दस्तावेजों से लिए गए हो सकते हैं। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि ये नंबर कब एक्टिवेट हुए, किन दस्तावेजों का इस्तेमाल हुआ, और क्या ये बैंक से लिंक हैं?
⚖️ क्या ये केस सिर्फ ठगी का है या राजनीतिक गठजोड़ का हिस्सा?
केके श्रीवास्तव की गिरफ्तारी और उससे जुड़ी जांच कई बड़े सवाल खड़े करती है:
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क्या यह ठगी एक व्यक्तिगत लालच का मामला है या इसके पीछे राजनीतिक फंडिंग और गठजोड़ का जाल है?
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300 करोड़ रुपये का संदिग्ध ट्रांजेक्शन क्या चुनाव फंडिंग या अन्य घोटालों से जुड़ा है?
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क्या पूर्व मुख्यमंत्री का नाम सिर्फ नजदीकी होने की वजह से घसीटा गया है या कोई गहरा संबंध है?