छत्तीसगढ़ के खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले से एक खौफनाक हत्या का मामला सामने आया है, जिसने पूरे इलाके को हिला दिया है। “डायन कहकर बदनाम करती थी” – इसी आरोप के चलते एक मां, उसकी बेटी और भतीजे ने मिलकर अपनी ही पड़ोसन को हंसिया से काट डाला।
घटना न केवल इंसानियत को शर्मसार करती है, बल्कि ग्रामीण समाज में अब भी जमी टोनही (डायन) प्रथा जैसी अंधविश्वासी सोच को भी उजागर करती है।
कहाँ और कब हुई यह घटना?
यह खौफनाक वारदात 26 जून 2025 की दोपहर को खैरबना गांव में हुई। मृतका की पहचान मोहिनी साहू (30 वर्ष) के रूप में हुई है, जो घर में अकेली थी। जब उसके बच्चे स्कूल से लौटे तो दरवाजा बंद मिला। आवाज देने पर भी कोई जवाब न मिलने पर पड़ोसियों को बुलाया गया।
दरवाजा खुलते ही सबके होश उड़ गए। मोहिनी खून से लथपथ पड़ी थी। गले पर रस्सी के निशान थे और चेहरे व गर्दन पर हंसिए से किए गए वार के गहरे घाव।
कौन हैं आरोपी?
हत्या के मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपी हैं:
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सविता साहू (39) – मुख्य साजिशकर्ता, मोहिनी की पड़ोसी
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जसिका साहू (19) – सविता की बेटी
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दीपेश साहू (24) – सविता का भतीजा
तीनों का मोहिनी से पुराना विवाद था और उन्होंने स्वीकार किया है कि टोनही कहकर बदनाम करने के चलते उन्होंने मोहिनी की हत्या की।
पूरी हत्या की कहानी – बयान के आधार पर
पुलिस पूछताछ में सविता साहू ने बताया कि मोहिनी उसे गांव में जादू-टोना करने वाली और टोनही कहकर बदनाम करती थी। इससे उसका सम्मान और मानसिक स्थिति दोनों प्रभावित हो रहे थे।
अपमान का बदला लेने के लिए सविता ने एक योजना बनाई। 26 जून की दोपहर, जब मोहिनी घर में अकेली थी, तीनों आरोपी छत के रास्ते घर में घुसे। साथ में गाय बांधने वाली मोटी रस्सी और एक तेज धार का हंसिया भी ले गए थे।
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सबसे पहले तीनों ने मिलकर मोहिनी का रस्सी से गला घोंट दिया।
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इसके बाद दीपेश ने हंसिया से गले और चेहरे पर कई बार वार किया, जिससे मोहिनी की मौके पर ही मौत हो गई।
सबूत मिटाने की कोशिश
हत्या के बाद तीनों आरोपी अपने घर लौटे और खून से सने कपड़े बदलकर साफ-सफाई की। इसके बाद उन्होंने गांव में अफवाह फैलाई कि वे वारदात के वक्त खेत में थे।
जांच के दौरान जसिका साहू ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की और रोते हुए खेत में होने का नाटक किया। लेकिन साइबर सेल ने मोबाइल लोकेशन और कॉल डिटेल खंगाले, जिससे उनका झूठ पकड़ में आ गया।
जब पुलिस ने बारी-बारी से पूछताछ की तो आरोपियों के बयान आपस में मेल नहीं खाए। आखिरकार कड़ी पूछताछ में तीनों ने जुर्म कबूल कर लिया।
मामले की पुलिसिया जांच और कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही खैरागढ़ थाना प्रभारी और साइबर सेल की टीम मौके पर पहुंची। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया और परिजनों की शिकायत पर हत्या का मामला दर्ज किया गया।
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1 जुलाई को तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
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आरोपियों पर IPC की धारा 302, 120B (हत्या और साजिश) के तहत कार्रवाई की जा रही है।
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मामले की विस्तृत जांच अभी भी जारी है।
अंधविश्वास बना समाज का कलंक
यह वारदात सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि हमारे समाज में अंधविश्वास और रूढ़िवादिता की गहरी जड़ों को दिखाती है। ‘टोनही’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल आज भी महिलाओं के चरित्र पर प्रहार और सामाजिक बहिष्कार का माध्यम बना हुआ है।
मोहिनी की मौत सिर्फ एक महिला की हत्या नहीं, बल्कि उस मानसिकता की भी पहचान है, जो आज भी औरतों को डायन कहकर कुचल देना चाहती है।