बलरामपुर | विशेष संवाददाता कृष्ण कुमार | 4 जुलाई 2025
छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले से एक शर्मनाक और हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। वाड्रफनगर विकासखंड के पशुपतिपुर प्राथमिक शाला में पदस्थ शिक्षक लक्ष्मीनारायण सिंह का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वे स्कूली बच्चियों के साथ क्लासरूम में नशे की हालत में डांस करते नजर आए।
वीडियो के वायरल होते ही शिक्षा विभाग ने तत्काल संज्ञान लेते हुए शिक्षक को निलंबित (Suspended) कर दिया है। जिले में शिक्षा की गरिमा को ठेस पहुँचाने वाली इस घटना को लेकर चिंता और आक्रोश दोनों जाहिर किए जा रहे हैं।
क्लासरूम में मची शर्मनाक हरकत, बच्चियों से डांस करवा रहा था शिक्षक
वीडियो में देखा जा सकता है कि शिक्षक शराब के नशे में झूमते हुए स्कूल की छात्राओं के साथ क्लास में डांस कर रहे हैं।
छात्राएं डर और झिझक में नजर आती हैं, लेकिन शिक्षक का व्यवहार अनुशासनहीन और असंवेदनशील था।
सूत्रों के मुताबिक, यह वीडियो पशुपतिपुर प्राथमिक स्कूल का है और शिक्षक लक्ष्मीनारायण सिंह पहले भी शराब पीकर स्कूल आने और छात्रों से दुर्व्यवहार के लिए चर्चाओं में रह चुके हैं।
छात्राओं ने किया खुलासा: मारपीट और धमकी भी देते थे
वीडियो सामने आने के बाद जब स्थानीय लोगों और शिक्षकों ने छात्राओं से पूछताछ की तो बच्चियों ने बताया कि—
“सर आए दिन शराब पीकर स्कूल आते हैं, गालियाँ देते हैं और कभी-कभी हमें मारते भी हैं। कोई कुछ कहे तो धमकी भी देते हैं।”
इस खुलासे के बाद स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों और अभिभावकों में आक्रोश फैल गया। उन्होंने शिक्षक को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की।
DEO ने तुरंत लिया एक्शन, BEO ने दिया बयान
जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) के स्तर से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर शिक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
विकासखंड शिक्षा अधिकारी (BEO) मनीष कुमार ने बयान जारी कर कहा:
“हमने वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए प्रतिवेदन तैयार किया है। शिक्षक के खिलाफ विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।”
शिक्षा व्यवस्था पर सवाल, ग्रामीणों में रोष
इस घटना ने एक बार फिर प्रदेश की प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था की निगरानी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में जहां शिक्षक ही विद्यार्थियों का भविष्य संवारते हैं, वहीं इस प्रकार की हरकतें न केवल बच्चों के मनोबल को तोड़ती हैं, बल्कि शिक्षा की गरिमा को भी कलंकित करती हैं।
स्थानीय लोगों ने शिक्षा विभाग से यह भी मांग की कि—
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ऐसे मामलों में सिर्फ निलंबन नहीं,
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बल्कि स्थायी बर्खास्तगी और कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
निष्कर्ष: शिक्षा का मंदिर शर्मसार, कार्रवाई जरूरी
पशुपतिपुर प्राथमिक शाला की घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हमारे बच्चों को सुरक्षित और प्रेरणादायी माहौल मिल रहा है?
शिक्षक, जो समाज का मार्गदर्शक होता है, जब नशे में धुत होकर छात्रों को डरा-धमकाकर मनोरंजन का साधन बनाए, तो यह समाज और व्यवस्था – दोनों के लिए खतरे की घंटी है।