सुकमा | 4 जुलाई 2025 | रिपोर्ट: लीलाधर राठी
छत्तीसगढ़ में गरीबों और वंचित वर्ग के हित में एक बड़ा निर्णय लिया गया है। सरकार ने चावल उत्सव के अंतर्गत तीन महीने के राशन वितरण की अंतिम तारीख 31 जुलाई तक बढ़ा दी है, जिससे प्रदेश के लाखों राशन कार्डधारकों को राहत मिली है। विशेषकर दुर्गम वनांचल क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में इस फैसले को लेकर हर्ष की लहर दौड़ गई है।
बरसात से पहले तीन माह का राशन: निर्णय ने दूर की चिंताएं
राज्य सरकार द्वारा शुरू किए गए ‘चावल उत्सव’ अभियान के तहत, उपभोक्ताओं को जुलाई, अगस्त और सितंबर माह का राशन एक साथ वितरित किया जा रहा है। लेकिन वितरण के शुरुआती चरण में तकनीकी समस्याएं, प्राकृतिक बाधाएं, और दुर्गम क्षेत्रों की पहुंच में दिक्कतों को देखते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने तारीख को 31 जुलाई 2025 तक विस्तारित कर दिया।
जनप्रतिनिधियों और संगठनों ने फैसले का किया स्वागत
सुकमा सांसद प्रतिनिधि अरुण सिंह भदौरिया ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा,
“यह फैसला केंद्र और राज्य सरकार की जनकल्याणकारी सोच और गरीबों के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाता है। अब कोई भी परिवार राशन से वंचित नहीं रहेगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि अब तक कई बार पात्र हितग्राही समय पर राशन प्राप्त नहीं कर पाते थे — लेकिन इस समय विस्तार से वे भी अपने हक का लाभ ले सकेंगे।
️ स्थानीय संगठन और नागरिक भी आए समर्थन में
आदिवासी बहुल और दूरदराज़ इलाकों में रह रहे नागरिकों व सामाजिक संगठनों ने भी सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय खाद्य मंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि—
“यह कदम आत्मनिर्भर भारत और गरीब कल्याण की दिशा में मजबूत पहल है, जिससे लाखों परिवारों को लाभ मिलेगा।”
राशन दुकानों में प्रचार-प्रसार की तैयारी, जानकारी देना अनिवार्य
जिला प्रशासन ने सभी उचित मूल्य की राशन दुकानों को निर्देशित किया है कि वे इस तिथि विस्तार की सूचना दुकानों में चस्पा करें, ताकि सभी लाभार्थियों तक इसकी जानकारी पहुंचे।
साथ ही प्रचार-प्रसार के लिए मितानिन, ग्राम सचिव, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मदद ली जा रही है।
भाजपा नेता राठी की अपील: वितरण में पारदर्शिता रखें
भाजपा सुकमा जिला के कोषाध्यक्ष लीलाधर राठी ने इस फैसले को “जनहित में ऐतिहासिक” बताया और कहा—
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की यह योजना सुनिश्चित करेगी कि प्रदेश का कोई भी पात्र हितग्राही राशन से वंचित न रहे।”
उन्होंने सभी राशन दुकान संचालकों से अपील की कि वे वितरण प्रक्रिया में ईमानदारी और पारदर्शिता बनाए रखें, और यह सुनिश्चित करें कि किसी भी लाभार्थी को कोई परेशानी न हो।
निष्कर्ष: एक और जनकल्याणकारी पहल का लाभ हजारों गाँवों को
चावल उत्सव की समय-सीमा बढ़ने से छत्तीसगढ़ के लाखों ग्रामीण परिवारों को राहत मिली है, खासकर ऐसे क्षेत्रों में जहां बरसात के कारण आवागमन प्रभावित होता है।
सरकार की इस पहल से यह संदेश जाता है कि गरीबों की ज़रूरतों को प्राथमिकता देना ही असली विकास है।