पेंड्रा | 4 जुलाई 2025 | रिपोर्ट: आकाश पवार
छत्तीसगढ़ के मरवाही क्षेत्र से एक हृदयविदारक घटना सामने आई है जिसने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया। नदी से लाई गई मछली खाने के बाद एक ही परिवार के चार सदस्य फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गए, जिसमें 25 वर्षीय युवती की मौके पर ही मौत हो गई। यह हादसा सेमरदर्री ग्राम पंचायत के भाठाटिकरा मोहल्ला का है।
भोजन बना विष: एक परिवार की खुशियाँ उजड़ीं
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, परिवार ने पास की नदी से मछली पकड़कर भोजन तैयार किया था। मछली खाने के कुछ घंटों बाद ही पूरे परिवार की तबीयत बिगड़ने लगी — पेट में मरोड़, उल्टी, चक्कर और कमजोरी जैसे लक्षण सामने आए।
❗ युवती की मौत ने तोड़ दिया परिवार
25 वर्षीय जगेश्वरी सिंह, जो परिवार की सबसे बड़ी बेटी थी, की हालत तेजी से बिगड़ी और उसे बचाया नहीं जा सका। मौत ने पूरे परिवार को झकझोर दिया और गांव में मातम पसरा हुआ है।
स्वास्थ्य अमला पहुंचा मौके पर, लेकिन इलाज में देरी बनी जानलेवा
घटना की जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम मितानिन के साथ मौके पर पहुंची।
-
एंबुलेंस भेजी गई
-
लाइफ सेविंग दवाएं दी गईं
-
लेकिन परिवार अस्पताल जाने को तैयार नहीं हुआ।
अंततः टीम ने घर पर ही प्राथमिक उपचार देकर स्थिति संभालने की कोशिश की।
✅ बाकी तीन की हालत स्थिर
जगेश्वरी के पिता गुलाब सिंह, माता कुसुम सिंह और भाई अनिल सिंह का इलाज किया गया, और अब उनकी स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है।
पड़ोसी भी चपेट में आया, समय रहते बचाई जान
खाने में शामिल हुए पड़ोसी अजीत सिंह को भी फूड प्वाइजनिंग के लक्षण दिखे। स्वास्थ्य विभाग की सतर्कता से उन्हें समय पर दवा देकर स्थिति को नियंत्रित किया गया।
स्वास्थ्य विभाग ने की जांच, अन्य लोग सुरक्षित
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पूरे मोहल्ले में घरों की व्यापक जांच की। राहत की बात यह रही कि किसी अन्य घर में कोई लक्षण नहीं पाए गए।
फिलहाल विभाग ने मछली की विषाक्तता और खराब होने के कारणों की जांच शुरू कर दी है। जांच बिंदुओं में शामिल हैं:
-
मछली के पानी का स्रोत
-
पकाए जाने का तरीका
-
मछली के अधिक समय तक रखे जाने की स्थिति
जान है तो जहान है: ग्रामीणों के लिए चेतावनी और सलाह
स्वास्थ्य विभाग ने सभी ग्रामीणों से अपील की है कि—
-
बिना जांचे प्राकृतिक स्रोतों से लाई गई मछलियों या खाद्य सामग्री का सेवन न करें
-
खाने में कोई गंध, बदरंग या असामान्यता हो तो उसे त्याग दें
-
फूड प्वाइजनिंग के शुरुआती लक्षण दिखते ही तुरंत अस्पताल जाएं, घर पर इलाज न करें
️ शोक और सबक: मौत के बाद भी जिंदगी को बचाया गया
इस दर्दनाक हादसे में एक बेटी की जान चली गई, लेकिन समय पर चिकित्सा पहुंचने से तीन और लोगों की जिंदगी बचाई जा सकी। यह घटना सिर्फ एक पारिवारिक त्रासदी नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है कि लापरवाही कभी-कभी जानलेवा साबित हो सकती है।
निष्कर्ष:
मरवाही की इस घटना ने एक बार फिर यह साबित किया है कि स्वास्थ्य जागरूकता और समय पर इलाज कितना जरूरी है।
यह मामला अब केवल एक हादसा नहीं, बल्कि एक सामाजिक सीख है — जहां परिवार की एक चूक ने हंसते-खेलते घर को मातम में बदल दिया।