रायपुर | 4 जुलाई 2025 | बिगुल न्यूज़ विशेष रिपोर्ट
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जिसने न सिर्फ शहर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि फर्जी वीआईपी संस्कृति की पोल भी खोल दी है। वीआईपी रोड, एयरपोर्ट रोड और नवा रायपुर जैसे हाई-प्रोफाइल इलाकों में कुछ युवकों ने फर्जी संवैधानिक पदों की नेम प्लेट, सायरन और बत्तियाँ लगाकर खुलेआम हुड़दंग मचाया।
इस पूरे कारनामे का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है, जिसे देखकर आम लोग भौचक्के हैं और पुलिस पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
फर्जी पॉवर शो: जब सड़कें बनीं स्टेज
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि युवकों की गाड़ियों पर ‘पुलिस अधिकारी’, ‘जज’, ‘एंटी करप्शन ब्यूरो’ जैसे पदों की फर्जी नेम प्लेट लगी हुई हैं। गाड़ियों पर लाल-नीली बत्तियाँ, तेज सायरन और अधिकारियों जैसा हावभाव दिखाकर ये युवक राजधानी की सड़कों को निजी स्टंट ज़ोन बना चुके थे।
तेज रफ्तार में गाड़ियों को दौड़ाना, सायरन बजाकर ट्रैफिक को चकमा देना और वीआईपी स्टेटस का नाटक करना—इन सभी हरकतों ने साफ तौर पर कानून की अवमानना की।
कहाँ थी पुलिस? राजधानी में फर्जीवीरों का बेखौफ प्रदर्शन
सबसे बड़ा सवाल यह है कि राजधानी की वीआईपी सड़कों पर जहां सुरक्षा और ट्रैफिक निगरानी सबसे अधिक होती है, वहाँ ऐसे फर्जीवाड़े पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
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न कोई चेकिंग
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न कोई पूछताछ
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और न ही किसी वाहन की जब्ती
इससे साफ है कि या तो पुलिस इस हरकत से अनजान रही या जानबूझकर अनदेखा किया गया। दोनों ही स्थितियाँ चिंताजनक हैं।
️ सिर्फ वीडियो वायरल, कार्रवाई ज़ीरो
इस शर्मनाक घटना के सामने आने के बाद भी अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
लोग सोशल मीडिया पर पुलिस से लगातार पूछ रहे हैं:
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जब वीडियो में गाड़ी का नंबर साफ है, तो अब तक गिरफ्तारी क्यों नहीं?
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क्या राजधानी की सुरक्षा अब सिर्फ दिखावा बन गई है?
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क्या फर्जी नेम प्लेट और सायरन लगाकर कोई भी राजधानी में वीआईपी बन सकता है?
⚠️ फर्जी VIP संस्कृति: लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत
इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि फर्जी वीआईपी संस्कृति एक सामाजिक बीमारी बन चुकी है।
सिर्फ नेम प्लेट और सायरन लगाकर कोई भी खुद को विशेषाधिकार प्राप्त दिखाने लगता है। इससे न केवल जनता में भ्रम फैलता है बल्कि असली अधिकारियों की छवि भी धूमिल होती है।
अगर इस पर अभी सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो आने वाले समय में सड़कें झूठे वीआईपी के अड्डे बन जाएंगी।
️ पुलिस ने क्या कहा?
पुलिस का कहना है कि वीडियो की सत्यता की जांच की जा रही है और आरोपियों की पहचान कर जल्द कार्रवाई की जाएगी।
लेकिन अब तक कोई आधिकारिक गिरफ्तारी या वाहन की जब्ती सामने नहीं आई है।
️ जनता का सवाल: कब रुकेगा ये वीआईपी नाटक?
इस घटना ने जनता के बीच डर नहीं, बल्कि गुस्सा और असहायता की भावना पैदा की है।
लोग पूछ रहे हैं कि क्या राजधानी में अब फर्जी पदों का खेल इस हद तक पहुंच गया है कि कोई भी सायरन बजाकर कानून से ऊपर हो सकता है?
निष्कर्ष:
रायपुर की इस घटना ने साबित कर दिया है कि अगर प्रशासन ने अब भी कड़ा एक्शन नहीं लिया, तो फर्जीवाड़ा एक फैशन बन जाएगा।
सरकार और पुलिस दोनों को चाहिए कि—
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आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाए
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वाहनों को जब्त किया जाए
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और इस मामले को उदाहरण बनाकर फर्जी वीआईपी कल्चर पर नकेल कसी जाए।