दुर्ग। शासकीय विज्ञान महाविद्यालय दुर्ग में नए सत्र की शुरुआत गरिमामयी माहौल में हुई। नवप्रवेशित छात्र-छात्राओं के स्वागत के लिए एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें पारंपरिक भारतीय संस्कृति के अनुरूप तिलक और आरती से नए विद्यार्थियों का अभिनंदन किया गया।
परंपरा और अनुशासन से हुआ स्वागत
स्वागत समारोह की शुरुआत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अजय कुमार सिंह और वरिष्ठ प्राध्यापकों द्वारा नवागंतुक छात्रों के माथे पर तिलक लगाकर और आरती उतारकर की गई। यह आयोजन छात्रों में आत्मीयता, सम्मान और भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों को जागृत करने का प्रयास था।
प्राचार्य का संदेश: अनुशासन और नियमित उपस्थिति ज़रूरी
प्राचार्य डॉ. सिंह ने अपने संबोधन में कहा—
“कॉलेज में अनुशासन बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। छात्र-छात्राएं पुस्तकालय, बुक बैंक और कॉलेज की समस्त सुविधाओं का अधिकतम लाभ उठाएं। पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने में सहयोग करें और कक्षा में नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करें।”
प्रतियोगी परीक्षा और करियर की दिशा में मार्गदर्शन
इतिहास विभाग के अध्यक्ष डॉ. ए. के. पांडेय ने छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए मार्गदर्शन देने की बात कही। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी कॉलेज के संसाधनों का सही उपयोग करते हुए UPSC, CGPSC और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी प्रारंभ करें।
कला, संस्कृति और साहित्य में भागीदारी अनिवार्य
डॉ. ज्योति धारकर ने बताया कि महाविद्यालय में आयोजित होने वाली सांस्कृतिक, साहित्यिक और कलात्मक गतिविधियों में सभी विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी अनिवार्य होगी। इससे विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में मदद मिलेगी।
खेलों में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ने का अवसर
क्रीड़ा अधिकारी लक्ष्मेंद्र कुलदीप ने विद्यार्थियों को खेलों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि महाविद्यालय के कई छात्र राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलों में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। नए छात्रों को भी इस दिशा में प्रोत्साहित किया जाएगा।
आयोजन में वरिष्ठ प्राध्यापक व स्टाफ रहे उपस्थित
इस अवसर पर कई वरिष्ठ प्राध्यापक और कर्मचारीगण भी उपस्थित रहे, जिनमें शामिल हैं:
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डॉ. एच. पी. सिंह सलूजा
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डॉ. राकेश रंजन सिंह
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डॉ. एलिजाबेथ भगत
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डॉ. निगार अहमद
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डॉ. तरलोचन कौर
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डॉ. अंशुमाला चन्दनगर
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डॉ. प्रदीप जांगड़े
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डॉ. लाली शर्मा
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डॉ. सीमा पंजवानी
सभी ने विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दीं और महाविद्यालय के शैक्षणिक, सांस्कृतिक और सामाजिक वातावरण के महत्व को रेखांकित किया।