सरगुजा में चौकीदारों की विशेष बैठक: सुरक्षा पर सतर्कता बढ़ाने पर दिया गया ज़ोर, संदिग्धों की तत्काल सूचना के निर्देश

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छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में थाना स्तर पर चौकीदारों की एक आवश्यक बैठक आयोजित की गई। यह बैठक पुलिस अधीक्षक के निर्देशानुसार क्षेत्रीय सुरक्षा को और अधिक सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से हुई।
बतौली थाना में आयोजित इस बैठक की अध्यक्षता थाना प्रभारी चंद्रप्रताप तिवारी ने की, जिसमें थाना स्टाफ के साथ करीब 30 चौकीदार शामिल हुए।


बैठक का मुख्य उद्देश्य: सुरक्षा तंत्र को जमीनी स्तर पर मजबूत बनाना

बैठक के दौरान थाना प्रभारी ने चौकीदारों को कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर दिशा-निर्देश दिए। इनमें शामिल हैं:

1. संदिग्धों पर सतत निगरानी

चौकीदारों को निर्देश दिया गया कि वे अपने गांवों एवं क्षेत्रों में बाहरी या संदिग्ध व्यक्तियों की गतिविधियों पर पैनी नजर रखें और किसी भी संदेहजनक गतिविधि की सूचना तत्काल पुलिस को दें।

2. अपराध नियंत्रण में भूमिका

थानाध्यक्ष ने चौकीदारों से कहा कि वे अपने क्षेत्रों में शांति बनाए रखने, अपराधों को रोकने और सामाजिक सौहार्द बनाए रखने में पुलिस का सहयोग करें।

3. गश्त को बनाएं नियमित और प्रभावी

रात्रिकालीन गश्त की महत्ता को रेखांकित करते हुए, चौकीदारों से कहा गया कि वे रात में नियमित गश्त करें, खासतौर पर संवेदनशील क्षेत्रों जैसे बैंक, स्कूल, पंचायत कार्यालय आदि पर विशेष ध्यान दें।

4. अवैध गतिविधियों पर लगाम

थानाध्यक्ष ने चौकीदारों को अवैध शराब बिक्री, सट्टा, जुआ और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखने को कहा। उन्होंने चेतावनी दी कि लापरवाही की स्थिति में संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

5. पुलिस-जन सहभागिता को बढ़ावा

बैठक में चौकीदारों को यह भी बताया गया कि वे अपने क्षेत्र के ग्रामीणों के साथ संवाद बनाए रखें, ताकि सूचनाओं का आदान-प्रदान बेहतर तरीके से हो सके।


चौकीदार: ग्रामीण सुरक्षा के मजबूत स्तंभ

थाना प्रभारी चंद्रप्रताप तिवारी ने कहा:

“चौकीदार पुलिस और ग्रामीणों के बीच की कड़ी हैं। उनकी सजगता ही अपराधियों पर अंकुश लगा सकती है। हमें उम्मीद है कि वे अपने कर्तव्यों का पालन पूरी निष्ठा से करेंगे।”

इस बैठक में थाना स्टाफ के संजय नाथ तिवारी सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे। सभी चौकीदारों ने दिए गए निर्देशों को अमल में लाने का भरोसा दिलाया।


निष्कर्ष:

इस तरह की नियमित बैठकें ग्रामीण सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाती हैं।
चौकीदारों की जागरूकता, सक्रियता और पुलिस के साथ तालमेल ही एक सुरक्षित, अपराधमुक्त और शांतिपूर्ण समाज की नींव रख सकता है।

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