रायपुर | 6 जुलाई 2025
छत्तीसगढ़ के कई जिलों में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। कोरबा और सूरजपुर जिलों में भारी वर्षा के चलते नदी-नाले उफान पर हैं, पुल टूट गए हैं और खेत जलमग्न हो गए हैं। ग्रामीण इलाकों में संपर्क मार्ग बाधित होने से लोगों को रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करने में भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
कोरबा: बांसाझार्रा में स्टॉप डेम बहा, 20 एकड़ फसल डूबी
कोरबा जिले के करतला ब्लॉक अंतर्गत बांसाझार्रा गांव में भारी बारिश के चलते स्टॉप डेम पानी के तेज बहाव में बह गया।
इस घटना के कारण:
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करीब 20 एकड़ खेतों में पानी भर गया, जिससे फसलों को भारी नुकसान हुआ।
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स्थानीय पुल भी टूट गया, जो पिछले 20 वर्षों से क्षेत्र का प्रमुख आवागमन मार्ग था।
अब पूरे क्षेत्र में आवागमन ठप हो गया है और ग्रामीण पैदल या वैकल्पिक कठिन रास्तों से गुजरने को मजबूर हैं।
सूरजपुर: दो दर्जन गांवों का संपर्क कटा, पुलों पर चढ़ा पानी
सूरजपुर जिले के रामानुजनगर ब्लॉक के कई गांवों में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
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देवनगर से पोड़ी और धनेशपुर से पण्डरी मार्ग पर स्थित पुलों पर तेज बहाव के कारण पानी चढ़ गया है।
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ग्रामीणों को 25 से 30 किलोमीटर तक की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है ताकि ज़रूरी कामों को निपटा सकें।
⚠️ दुर्घटना की आशंका
बहते पानी के बीच आवागमन के चलते दुर्घटना की आशंका बनी हुई है, लेकिन फिलहाल कोई वैकल्पिक व्यवस्था उपलब्ध नहीं है।
ग्रामीण प्रशासन से लगातार सुरक्षित मार्ग और राहत की मांग कर रहे हैं।
तस्वीरों में दिखा तबाही का मंजर
स्थानीय लोगों द्वारा भेजी गई तस्वीरों में देखा जा सकता है कि:
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किस तरह पानी सड़कों और पुलों को निगल गया है
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खेत तालाब में तब्दील हो चुके हैं
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और लोग पैदल जोखिम उठाकर सफर करने को मजबूर हैं
प्रशासन से अपेक्षा: राहत और पुनर्निर्माण कार्य तेज हो
प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों की गति धीमी है, जिससे लोगों में नाराजगी देखी जा रही है।
स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों ने:
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तुरंत वैकल्पिक मार्ग तैयार करने
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अस्थायी पुल बनाने
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और बाढ़ प्रभावित किसानों को मुआवजा देने की मांग की है।
निष्कर्ष: सावधानी और प्रशासनिक मुस्तैदी की दरकार
छत्तीसगढ़ के कई हिस्सों में बारिश से उपजे हालात मानसून की गंभीरता का संकेत दे रहे हैं।
इस वक्त ज़रूरत है कि:
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प्रशासन तुरंत राहत कार्य तेज करे
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सुरक्षित वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था की जाए
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और जलभराव से फसल को बचाने हेतु कृषि विभाग की टीमें सक्रिय हों
️ प्राकृतिक आपदा को रोका नहीं जा सकता, लेकिन समय रहते की गई तैयारी जनधन की हानि को कम जरूर कर सकती है।