कोंडागांव व रायपुर से सामने आई दो दिल दहला देने वाली घटनाएं — महिला सुरक्षा पर उठे गंभीर सवाल
केशकाल (फरसगांव): दोस्ती के जाल में फंसाकर वीडियो बनाकर करता था ब्लैकमेल, अमान वीरानी गिरफ्तार
छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले के केशकाल थाना क्षेत्र से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है।
यहाँ रहने वाले आरोपी अमान वीरानी ने कई महिलाओं को दोहरे जाल में फंसाया — पहले दोस्ती, फिर ब्लैकमेल।
❗ क्या था मामला:
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आरोपी महिलाओं से दोस्ती कर उनका अश्लील वीडियो और फोटो बनाता था।
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फिर उन्हीं वीडियो और तस्वीरों के ज़रिए उन्हें डराकर शारीरिक शोषण और पैसों की मांग करता था।
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जांच में सामने आया कि आरोपी ने कई महिलाओं के साथ बलात्कार कर मानसिक प्रताड़ना दी।
केशकाल पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर गंभीर धाराओं में अपराध दर्ज किया है। पीड़ित महिलाओं की संख्या कितनी है, इसका पता लगाया जा रहा है। पुलिस का कहना है कि मामला बेहद संवेदनशील है और जांच गहराई से की जा रही है।
रायपुर: छेड़छाड़ से बचने के लिए सैलून में घुसी युवती के साथ सैलून संचालक ने किया बलात्कार
राजधानी रायपुर में 2 जुलाई को महिला सुरक्षा को झकझोरने वाला एक और मामला सामने आया, जहां एक युवती जब छेड़छाड़ से बचने के लिए एक सैलून में घुसी, तो वहां सैलून संचालक ने ही उसके साथ बलात्कार किया।
पूरा घटनाक्रम:
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30 जून को ग्राम सांकरा निवासी पीड़िता की मां के साथ शिव धृतलहरे नामक आरोपी ने छेड़छाड़ की।
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बचाव के लिए मां ‘खुशी सैलून’ नामक दुकान में घुसी, जहाँ संचालक योगेश सेन ने शटर बंद कर बलात्कार किया।
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पीड़िता को पूरी रात सैलून में बंधक बनाकर बार-बार बलात्कार और मारपीट की गई।
क्या कदम उठाए गए?
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धरसीवा पुलिस थाना में पीड़िता ने शिकायत दर्ज कराई।
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आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं 75, 351(2), 115(2), 64(2)(ढ), 127(2), 3(5) के तहत मामला दर्ज किया गया।
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दोनों आरोपियों (शिव धृतलहरे और योगेश सेन) को 2 जुलाई को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है।
महिला सुरक्षा पर सवाल
इन दोनों मामलों ने एक बार फिर छत्तीसगढ़ सहित देशभर में महिला सुरक्षा के हालात पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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एक ओर तकनीक और सोशल मीडिया के माध्यम से ब्लैकमेल और साइबर अपराध,
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वहीं दूसरी ओर विश्वास के नाम पर छल और बंधक बनाकर शारीरिक शोषण —
ये घटनाएं दर्शाती हैं कि महिलाओं के लिए खतरे अब हर दिशा से हैं।
️ पुलिस का रुख
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पुलिस का कहना है कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाएगी और पीड़िताओं की पहचान गोपनीय रखी जाएगी।
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दोनों जिलों में महिला हेल्पलाइन और परामर्श केंद्रों को एक्टिव किया गया है, ताकि महिलाएं खुलकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकें।
✅ निष्कर्ष:
❝ महिलाओं की सुरक्षा सिर्फ कानून से नहीं, समाज की जागरूकता और कड़े प्रशासनिक रवैये से सुनिश्चित की जा सकती है। हर लड़की और महिला को बोलने और न्याय पाने का अधिकार है — और प्रशासन का दायित्व है कि वो हर आवाज़ सुने और कार्रवाई करे। ❞