कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन, नगर आयुक्त ने दिए जांच के आदेश, FIR दर्ज कराने थाने पहुंचा निगम प्रशासन
तिरंगे जलाने की घटना से भोपाल में आक्रोश, जांच के घेरे में नगर निगम
भोपाल: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से राष्ट्रध्वज (तिरंगे) के अपमान की चौंकाने वाली और शर्मनाक घटना सामने आई है। नगर निगम के वार्ड-50 कार्यालय परिसर में लगभग 500 तिरंगे जलाए गए, जिसकी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है।
घटना शनिवार शाम (5 जुलाई 2025) की है, और इस पर कांग्रेस ने गंभीर आपत्ति दर्ज करते हुए जोरदार प्रदर्शन किया है। वहीं नगर निगम प्रशासन ने मामले से पल्ला झाड़ते हुए कहा है कि इस मामले में उनका कोई कर्मचारी शामिल नहीं है। लेकिन नगर आयुक्त हरेंद्र नारायण सिंह ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।
कहां और कैसे हुआ यह तिरंगा जलाने का कृत्य?
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घटना वार्ड-50, ई-8, दानापानी रोड, रोहित नगर स्थित नगर निगम कार्यालय परिसर के पीछे की है।
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कुछ युवक परिसर के पीछे तिरंगे जला रहे थे, तभी एक स्थानीय युवक वहां पहुंचा और जलते झंडों को बाहर निकालने लगा।
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उसे वार्ड प्रभारी विजेंद्र चौहान ने रोका, जिससे झूमा-झटकी हुई और कई तिरंगे पूरी तरह जलकर खाक हो गए।
नगर निगम की सफाई: कर्मचारी नहीं शामिल, बाहर के लोग जिम्मेदार
नगर निगम प्रशासन ने दावा किया है कि:
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यह तिरंगे “घर-घर तिरंगा अभियान” के लिए दो साल पहले खरीदे गए थे, लेकिन उनका वितरण नहीं हुआ।
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वर्षों तक कार्यालय में पड़े रहने के बाद ये झंडे किसी स्थानीय व्यक्ति द्वारा जलाए गए।
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निगम का कहना है कि झुग्गी बस्ती के किसी व्यक्ति ने झंडे लाकर जलाए होंगे।
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अपर आयुक्त देवेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि एफआईआर के लिए शाहपुरा थाने में आवेदन दिया गया है।
️ वीडियो वायरल होने पर कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन
जैसे ही तिरंगे जलाने का वीडियो वायरल हुआ:
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कांग्रेस ने 12 नंबर बस स्टॉप के पास प्रदर्शन किया।
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कांग्रेस झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष निकेश सिंह चौहान और नेता मोहन यादव के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने भारी विरोध जताया।
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उन्होंने नगर निगम प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की।
️ “ये केवल तिरंगे का नहीं, देश की अस्मिता और संविधान का अपमान है। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।” — कांग्रेस नेता
⚖️ FIR और जांच प्रक्रिया शुरू
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नगर आयुक्त हरेंद्र नारायण सिंह ने तत्काल जांच के निर्देश दिए हैं।
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नगर निगम के वार्ड प्रभारी की ओर से FIR का आवेदन शाहपुरा थाने में दे दिया गया है।
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अब पुलिस और प्रशासनिक जांच के जरिए यह स्पष्ट किया जाएगा कि झंडे किसकी अनुमति से जलाए गए, और क्या यह लापरवाही थी या जानबूझकर किया गया अपमान।
❓ तिरंगे का अपमान: एक अपराध, न कि गलती
भारतीय ध्वज संहिता के अनुसार:
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तिरंगे का अपमान दंडनीय अपराध है।
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जानबूझकर जलाना, फेंकना या अपवित्र करना भारतीय दंड संहिता की धारा 2, 3 और 5 के अंतर्गत कठोर सजा योग्य है।
निष्कर्ष:
भोपाल में हुई यह घटना सिर्फ एक प्रशासनिक चूक नहीं, बल्कि राष्ट्रीय गर्व और अस्मिता पर चोट है। तिरंगे का यह घोर अपमान न केवल जनता की भावनाओं को ठेस पहुंचाता है, बल्कि प्रशासनिक जवाबदेही और देशभक्ति की भावना पर भी सवाल खड़े करता है।
❝ राष्ट्रध्वज केवल कपड़ा नहीं, बल्कि भारत की आत्मा, संघर्ष और गौरव का प्रतीक है — उसका अपमान देश का अपमान है। ❞