रायपुर, 6 जुलाई 2025।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने महान शिक्षाविद्, राष्ट्रनायक और प्रखर विचारक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती के अवसर पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने अपने निवास कार्यालय में डॉ. मुखर्जी के छायाचित्र पर पुष्प अर्पित कर उनके राष्ट्र निर्माण में दिए गए अद्वितीय योगदान को स्मरण किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर कहा कि—
“डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का संपूर्ण जीवन भारत माता की सेवा, राष्ट्र की एकता और लोकतंत्र की मजबूती के लिए समर्पित रहा है। वे एक दूरदर्शी नेता, तेजस्वी विचारक और प्रबल राष्ट्रभक्त थे, जिनके सिद्धांत आज भी हमें प्रेरणा देते हैं।”
अखंड भारत के पक्षधर और सैद्धांतिक राजनीति के आधार स्तंभ
मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. मुखर्जी ने भारतीय जनसंघ की स्थापना कर देश को वैचारिक राजनीति की एक मजबूत दिशा दी। उन्होंने “एक देश, एक विधान” के लिए संघर्ष करते हुए जो बलिदान दिया, वह भारतीय इतिहास का स्वर्णिम अध्याय है।
“उनकी शहादत आने वाली पीढ़ियों को यह संदेश देती है कि भारत की एकता और संप्रभुता के लिए किसी भी हद तक जाना राष्ट्रसेवा का सर्वोच्च रूप है,” मुख्यमंत्री ने कहा।
डॉ. मुखर्जी का सपना – आत्मनिर्भर और स्वाभिमानी भारत
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि डॉ. मुखर्जी का स्वप्न एक आत्मनिर्भर, शक्तिशाली और गौरवशाली भारत का था। उनके विचार और जीवन मूल्य हमें यह सिखाते हैं कि राष्ट्रहित में काम करना ही सर्वोच्च कर्तव्य है। उन्होंने देशवासियों से आह्वान किया कि:
“हम सभी को डॉ. मुखर्जी के आदर्शों से प्रेरणा लेकर एक समृद्ध, स्वाभिमानी और समर्थ भारत के निर्माण में अपना योगदान देना चाहिए। यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।”
वैचारिक स्पष्टता और राष्ट्रनिर्माण में योगदान
मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. मुखर्जी ने वैचारिक स्पष्टता और सैद्धांतिक राजनीति की नींव रखी, जिससे भारतीय लोकतंत्र को एक नई दिशा मिली। उनकी सोच आज भी राष्ट्रीय एकता, सामाजिक समरसता और सुशासन के मार्गदर्शन में प्रासंगिक बनी हुई है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद भी उपस्थित थे। सभी ने डॉ. मुखर्जी के चरणों में श्रद्धा-सुमन अर्पित कर उन्हें नमन किया।