बेमेतरा, छत्तीसगढ़ | 8 जुलाई 2025
बेमेतरा जिले के शासकीय प्राथमिक शाला बीजागोड़ में “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के तहत पर्यावरण संरक्षण की प्रेरणादायक पहल की गई। वन महोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित इस कार्यक्रम में शाला परिवार ने मिलकर अपने-अपने नाम से विभिन्न प्रकार के पौधे रोपे। इनमें कनेर, अशोक, आँवला, आम, जामुन, कटहल, नींबू, बेला, गेंदा, गुड़हल, गुलाब और मीठा नीम जैसे फलदार, फूलदार और छायादार वृक्ष शामिल हैं।
नवाचारी शिक्षिका का संदेश:
कार्यक्रम की मुख्य सूत्रधार नवाचारी शिक्षिका चंदा सिन्हा ने इस अवसर पर कहा कि “एक पेड़ मां के नाम” अभियान केवल पर्यावरण की चिंता नहीं, बल्कि हमारी मातृभूमि और माता के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है। उन्होंने सभी नागरिकों से आह्वान किया कि वे भी अपनी मां के नाम पर एक पौधा लगाएं और उसे सुरक्षित बड़ा करने का संकल्प लें।
जन्मदिवस पर पौधरोपण:
इससे कुछ दिन पूर्व संकुल समन्वयक मनीराम श्रीवास ने भी अपने जन्मदिन के मौके पर स्कूल परिसर में पौधा रोपण कर इस अभियान को व्यक्तिगत पहल से जोड़ने की मिसाल पेश की।
वृक्षों में देवताओं का वास
चंदा सिन्हा ने बच्चों को वृक्षों का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी बताया। उन्होंने कहा—
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तुलसी, आँवला जैसे वृक्षों की पूजा हमारे शास्त्रों में वर्णित है।
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आँवला नवमी जैसे पर्वों पर आँवले के वृक्ष की पूजा कर उसके नीचे भोजन करने से पुण्य की प्राप्ति मानी जाती है।
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कनेर के फूल पूजा, सजावट और रंगोली निर्माण में काम आते हैं।
स्वास्थ्य और भूमि संरक्षण में सहायक
उन्होंने बताया कि नींबू और मीठा नीम भोजन का स्वाद बढ़ाते हैं और औषधीय गुणों से भरपूर हैं। पेड़ न केवल छाया, फूल और फल देते हैं, बल्कि मिट्टी के कटाव को रोकते हैं और पक्षियों व जीव-जंतुओं को आश्रय भी प्रदान करते हैं।
संकल्प और प्रेरणा
विद्यालय के प्रधान पाठक विशेषर नेताम और पूरे शाला परिवार ने इन पौधों की सुरक्षा का संकल्प लिया और बच्चों को भी यह सीख दी कि एक पौधा लगाने के साथ उसकी देखभाल करना भी उतना ही जरूरी है। इस अभियान ने न केवल पर्यावरण जागरूकता फैलाई, बल्कि छात्रों और समाज को एक भावनात्मक जुड़ाव के साथ हरियाली की ओर प्रेरित किया।