रायपुर: खरीफ 2025 से लागू होगी ‘कृषि उन्नति योजना’, किसानों को प्रति एकड़ 15,351 रुपये तक की आदान सहायता

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राज्य सरकार ने जारी किए विस्तृत दिशा-निर्देश, DBT के माध्यम से किसानों को मिलेगा सीधा लाभ

रायपुर, 08 जुलाई 2025
छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश के किसानों को राहत और कृषि में निवेश को बढ़ावा देने के लिए ‘कृषि उन्नति योजना’ के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इस योजना की शुरुआत खरीफ सीजन 2025 से की जा रही है। योजना का मकसद किसानों को उन्नत बीज, उर्वरक, कीटनाशक, यंत्रीकरण और नई तकनीकों के लिए आर्थिक सहायता देना है।

योजना से जुड़ी मुख्य बातें:

  • एकीकृत किसान पोर्टल पंजीयन आवश्यक
    इस योजना का लाभ केवल उन्हीं किसानों को मिलेगा जो एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीकृत हैं और जिन्होंने पिछली खरीफ में धान उत्पादन कर सहकारी समितियों में समर्थन मूल्य पर विक्रय किया है।

  • धान छोड़कर अन्य खरीफ फसलों की खेती को मिलेगा बढ़ावा
    जिन किसानों ने इस बार धान की जगह दलहन, तिलहन, मक्का, लघु धान्य फसलें (कोदो, कुटकी, रागी), या कपास लेने का पंजीयन कराया है, उन्हें ₹10,000 प्रति एकड़ की दर से सहायता मिलेगी।

  • धान बेचने वाले किसानों को मिलेगा अलग लाभ
    जिन किसानों ने ग्रेड-A धान का समर्थन मूल्य पर विक्रय किया है, उन्हें अधिकतम ₹14,931 प्रति एकड़, और कॉमन धान विक्रेताओं को ₹15,351 प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि मिलेगी।

  • फसल विविधिकरण को मिलेगा प्रोत्साहन
    धान की जगह अन्य खरीफ फसलें अपनाने वाले किसानों को ₹11,000 प्रति एकड़ की सहायता राशि मिलेगी, बशर्ते गिरदावरी में उसका सत्यापन हो।

कौन होंगे पात्र?

  • जिन किसानों ने एकीकृत पोर्टल में पंजीकरण कराया हो।

  • पिछली खरीफ में धान फसल ली हो और समर्थन मूल्य पर बिक्री की हो।

  • इस खरीफ में धान के स्थान पर वैकल्पिक फसल लेने हेतु पंजीयन कराया हो।

नोट: प्राइवेट लिमिटेड कंपनियां, ट्रस्ट, संस्थान, कॉलेज आदि इस योजना के अंतर्गत पात्र नहीं होंगे।


भुगतान की प्रक्रिया:

  • सहायता राशि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) के माध्यम से किसानों के बैंक खातों में दी जाएगी।

  • राशि का निर्धारण गिरदावरी में दर्ज रकबे, विक्रय की गई धान की मात्रा और भारत सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य के आधार पर किया जाएगा।

लेखा-जोखा और निगरानी:

  • छत्तीसगढ़ राज्य विपणन संघ (मार्कफेड) और राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम को किसानों से खरीदी गई धान/बीज की जानकारी के आधार पर भुगतान करना होगा।

  • संचालक कृषि योजना की निगरानी करेंगे और प्रत्येक भुगतान की उपयोगिता का लेखा-जोखा रखेंगे।

  • उपयोगिता प्रमाण पत्र राशि प्राप्ति के एक माह के भीतर अनिवार्य रूप से संचालक कृषि को भेजना होगा।


उद्देश्य और लाभ:

  • किसानों को आर्थिक सुरक्षा और खेती में आत्मनिर्भरता प्रदान करना।

  • कृषि विविधिकरण को बढ़ावा देना और जल संसाधनों के संतुलित उपयोग को बढ़ावा देना।

  • कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ाकर किसानों की आय को स्थिर और सुरक्षित बनाना।


क्रमांक-2119/ओम

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