ऑनलाइन सट्टा रैकेट का भंडाफोड़: नागपुर में छापा, 6 आरोपी गिरफ्तार, 20 करोड़ से ज्यादा ट्रांजैक्शन का पर्दाफाश

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खैरागढ़ (छत्तीसगढ़)

अंतरराज्यीय ऑनलाइन सट्टेबाजी नेटवर्क का पर्दाफाश करते हुए खैरागढ़ पुलिस और साइबर सेल की संयुक्त टीम ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। एक सुनियोजित अभियान के तहत महाराष्ट्र के नागपुर में छापेमारी कर 6 शातिर सट्टेबाजों को गिरफ्तार किया गया है। इन सट्टेबाजों के पास से 7.5 लाख रुपये की नकद और डिजिटल संपत्ति जब्त की गई है, साथ ही जांच में सामने आया है कि इस नेटवर्क के जरिए 20 करोड़ रुपये से अधिक का लेन-देन किया गया है।


शिवा बुक एप के जरिए चलता था सट्टा साम्राज्य

पुलिस को मिली गोपनीय जानकारी के मुताबिक, “Shiva Book” नामक ऑनलाइन सट्टा एप के माध्यम से यह नेटवर्क देश के कई राज्यों में संचालित हो रहा था। एप के ज़रिए क्रिकेट मैच, कैसीनो गेम्स और अन्य गतिविधियों पर ऑनलाइन सट्टा खिलाया जा रहा था।

पुलिस जांच में यह सामने आया कि इस गिरोह का मुख्य संचालन केंद्र छत्तीसगढ़ के दुर्ग ज़िले के अंडा क्षेत्र में था, लेकिन इसकी ब्रांच नागपुर, महाराष्ट्र समेत देश के अन्य हिस्सों में भी फैली हुई थी।


छुईखदान पुलिस और साइबर सेल की संयुक्त कार्रवाई

खैरागढ़ ज़िले में चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत जब छुईखदान पुलिस को “Shiva Book” एप से जुड़े संदिग्ध ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की जानकारी मिली, तो पुलिस अधीक्षक (SP) केसीजी के निर्देश पर एक विशेष जांच शुरू की गई।

  • तकनीकी साक्ष्य और डिजिटल ट्रेसिंग के माध्यम से सट्टा एप की गतिविधियों को ट्रैक किया गया।

  • जांच में नागपुर स्थित एक फ्लैट की जानकारी मिली, जहां से एप का संचालन किया जा रहा था।

  • एक विशेष टीम ने नागपुर पहुंचकर फ्लैट पर छापा मारा, जहां आरोपी मोबाइल फोन और लैपटॉप की मदद से सट्टा संचालन कर रहे थे।


गिरफ्तार 6 आरोपियों की पहचान

  1. क्षत्रपाल पटेल

  2. निकुंज पन्ना

  3. समीर बड़ा

  4. धनंजय सिंह

  5. चंद्रशेखर अहिरवार

  6. डूमेश श्रीवास

ये सभी आरोपी ऑनलाइन सट्टा संचालन, पैसों के लेन-देन और एप के प्रचार-प्रसार से जुड़े थे। प्रारंभिक पूछताछ में इन आरोपियों ने देशभर में सक्रिय नेटवर्क की बात स्वीकार की है।

मुख्य सरगना अब भी फरार

इस ऑनलाइन सट्टेबाजी गिरोह का मुख्य मास्टरमाइंड वेदप्रकाश जोशी, अंडा (दुर्ग) का निवासी बताया जा रहा है, जो फिलहाल फरार है। पुलिस सूत्रों के अनुसार वेदप्रकाश के साथ अन्य कुछ आरोपी भी इस नेटवर्क को टेक्निकल सहायता और फंडिंग मुहैया करा रहे थे। फरार आरोपियों की तलाश में पुलिस ने विशेष टीमें गठित कर दी हैं।


ट्रांजैक्शन और टेक्नोलॉजी का दुरुपयोग

  • आरोपी UPI, बैंक खातों और डिजिटल वॉलेट्स के जरिए सट्टेबाजी से जुड़े ट्रांजैक्शन को अंजाम देते थे।

  • सट्टेबाजों ने फर्जी नामों और दस्तावेजों के आधार पर बैंक खाते खुलवाए थे, जिनमें से कई खातों में 20 करोड़ रुपये से अधिक की लेन-देन का विवरण मिला है।


जब्त की गई संपत्तियों की सूची

जब्त सामग्री विवरण
नकद राशि ₹3,56,000/-
मोबाइल फोन 10 से अधिक
लैपटॉप और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस 5 से अधिक
इंटरनेट राउटर, सिम कार्ड और डिजिटल रिकॉर्ड्स बड़ी मात्रा में
अनुमानित कुल मूल्य ₹7.5 लाख+

फिलहाल क्या चल रहा है?

  • सभी गिरफ्तार आरोपियों को न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है।

  • मुख्य सरगना की लोकेशन ट्रेस की जा रही है

  • आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय को भी इस मामले की जानकारी दी गई है ताकि मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय धोखाधड़ी की जांच आगे बढ़ाई जा सके।

  • पुलिस गिरोह के मूल नेटवर्क और फाइनेंसरों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।


निष्कर्ष

यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ पुलिस की साइबर अपराधों के खिलाफ आक्रामक रणनीति और तेज़ तकनीकी दक्षता का प्रमाण है। ऐसे मामलों से स्पष्ट है कि ऑनलाइन अपराधी अब केवल पर्दे के पीछे नहीं, बल्कि तकनीक के सहारे संगठित जाल बुन रहे हैं। लेकिन पुलिस भी अब पुराने तरीकों से नहीं, बल्कि डिजिटल वारफेयर के स्तर पर सटीक और निर्णायक जवाब देने में सक्षम हो चुकी है।

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