लाइफस्टाइल डेस्क | 11 जुलाई 2025 — भारतीय संस्कृति में सिंदूर सिर्फ श्रृंगार की वस्तु नहीं, बल्कि सुहाग, आस्था और परंपरा का गहरा प्रतीक है। हर विवाहित महिला की मांग में लगा सिंदूर उसकी पहचान और आत्मिक जुड़ाव का भाव दर्शाता है। लेकिन क्या आप जानती हैं कि आजकल बाजार में मिलने वाला सिंदूर आपके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है?
बाजार में बिकने वाले कई सिंदूर ब्रांड्स में लेड, पारा, सिंथेटिक डाई और दूसरे हानिकारक केमिकल पाए जाते हैं जो न केवल त्वचा एलर्जी, बाल झड़ने और जलन जैसी समस्याएं पैदा करते हैं, बल्कि लंबे समय में यह प्रजनन स्वास्थ्य तक पर असर डाल सकते हैं।
ऐसे में समाधान है — घर पर बना हर्बल सिंदूर, जो प्राकृतिक भी है और सुरक्षित भी।
✅ हर्बल सिंदूर क्यों है खास?
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100% नेचुरल और कैमिकल-फ्री
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त्वचा पर नहीं होती जलन या एलर्जी
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बालों की जड़ों को नुकसान नहीं पहुंचाता
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लंबे समय तक टिका रहता है
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हल्की खुशबू और ठंडक के साथ
हर्बल सिंदूर बनाने के लिए जरूरी सामग्री:
सामग्री | मात्रा | उद्देश्य |
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शुद्ध हल्दी पाउडर | 2 टेबल स्पून | बेस रंग के लिए |
नींबू का रस | 1 टेबल स्पून | रंग गहरा सिंदूरी बनाने के लिए |
गुलाब जल | 5–6 बूंदें | खुशबू और शीतलता के लिए |
कपूर | 1 चुटकी | शीतलता और एंटीसेप्टिक गुण के लिए |
अरंडी का तेल (कास्टर ऑयल) | ½ छोटा चम्मच | सिंदूर को मुलायम और स्किन-फ्रेंडली बनाने के लिए |
लोहे की कड़ाही / तवा | आवश्यक | गाढ़ा प्राकृतिक रंग देने के लिए |
हर्बल सिंदूर बनाने की विधि (स्टेप-बाय-स्टेप)
1️⃣ हल्दी और नींबू मिलाएं
लोहे की कड़ाही में 2 चम्मच हल्दी पाउडर डालें। उसमें धीरे-धीरे नींबू का रस मिलाएं और चम्मच से चलाते हुए एक गाढ़ा पेस्ट बनाएं। नींबू की अम्लता हल्दी का रंग बदलकर इसे नारंगी से सिंदूरी लाल कर देती है।
2️⃣ धीमी आंच पर पकाएं
इस पेस्ट को धीमी आंच पर 10–15 मिनट तक पकाएं। ध्यान रखें कि यह मिश्रण जले नहीं। ज़रूरत हो तो हल्का-सा पानी मिला सकते हैं। पकते-पकते इसका रंग गाढ़ा और सिंदूरी होने लगेगा।
3️⃣ खुशबू और ठंडक जोड़ें
गैस से उतारने के बाद जब मिश्रण थोड़ा ठंडा हो जाए, तो उसमें गुलाब जल की कुछ बूंदें और एक चुटकी कपूर डालें। इससे सिंदूर में हल्की खुशबू और ठंडक का अहसास जुड़ जाएगा।
4️⃣ कास्टर ऑयल मिलाएं
अब इसमें आधा चम्मच कास्टर ऑयल मिलाएं। इससे सिंदूर की टेक्सचर मुलायम बनेगी और त्वचा पर आसानी से लगेगा, साथ ही दिनभर टिका भी रहेगा।
5️⃣ ठंडा होने पर स्टोर करें
जब मिश्रण पूरी तरह ठंडा हो जाए, तब इसे किसी साफ, सूखे और एयरटाइट डिब्बे में भर लें। आपका कैमिकल-फ्री, शुद्ध हर्बल सिंदूर तैयार है!
❤️ फायदे जो बाजार का सिंदूर नहीं दे सकता:
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बालों की जड़ों को नुकसान नहीं
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लंबे समय तक टिकने वाला प्राकृतिक रंग
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त्वचा पर खुजली या जलन नहीं
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प्राकृतिक सुगंध और ठंडक
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धार्मिक और आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से शुद्ध
एक जिम्मेदार महिला की स्मार्ट पसंद
आज जब हर चीज़ “प्राकृतिक” और “केमिकल-फ्री” होने की तरफ बढ़ रही है, तो क्यों न सिंदूर जैसी पवित्र चीज़ भी घर में बनाए और सुरक्षित तरीके से उपयोग करें। यह सिर्फ परंपरा निभाना नहीं, बल्कि अपने स्वास्थ्य और संस्कृति के प्रति एक जिम्मेदारी निभाना भी है।
सुझाव:
इस हर्बल सिंदूर को किसी कांच की छोटी डिब्बी में स्टोर करें और चाहें तो थोड़ा-सा गुलाब एसेंस या चंदन पाउडर भी मिलाकर इसे और भी खास बना सकती हैं।