छत्तीसगढ़ में सड़कें बनीं मौत का रास्ता: रायगढ़ और अंबिकापुर में ताबड़तोड़ हादसे, मौत और चीख-पुकार से कांपा इलाका!

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छत्तीसगढ़ में एक बार फिर तेज रफ्तार और लापरवाही ने लोगों की ज़िंदगियों को तबाह कर दिया। रायगढ़ और अंबिकापुर से सड़क हादसों की तीन बड़ी घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें कई घायल हुए और कम से कम तीन लोगों की दर्दनाक मौत हो गई।

रायगढ़ में यात्रियों से भरी बस खेत में जा गिरी!

रायगढ़ जिले के तमनार थाना क्षेत्र में उस वक्त अफरातफरी मच गई, जब यात्रियों से भरी सितारा बस, जो तोलमा से रायगढ़ जा रही थी, मिलुपारा और कोडकेल गांव के बीच अचानक सड़क से फिसलकर खेत में जा पलटी।

हादसे के मुख्य बिंदु:

  • बस में कई यात्री सवार थे

  • अनियंत्रित रफ्तार बनी हादसे की वजह

  • आधा दर्जन से ज्यादा लोग घायल

  • घायलों को तमनार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया

  • मौके पर पहुंची पुलिस, जांच जारी

स्थानीय निजी उद्योगों के वाहनों ने त्वरित मदद पहुंचाई और घायलों को अस्पताल पहुंचाया। यह हादसा एक बार फिर सार्वजनिक परिवहन की सुरक्षा पर सवाल खड़े करता है।

बोलेरो ने डिवाइडर को चीर डाला: एक की मौत, दो घायल

इसी क्षेत्र में जिंदल पावर प्लांट गेट के सामने शुक्रवार शाम एक और भयावह हादसा हुआ। तेज रफ्तार बोलेरो डिवाइडर से टकरा कर पलट गई, जिससे मौके पर ही एक युवक की जान चली गई।

मृतक की पहचान:

  • शिव सिंह, निवासी: रिस्दा गांव, मस्तूरी थाना क्षेत्र

  • दो अन्य सवार गंभीर रूप से घायल

  • बोलेरो पूरी तरह क्षतिग्रस्त

  • अत्यधिक रफ्तार को बताया गया हादसे का कारण

स्थानीय लोगों ने घायलों को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया। तमनार पुलिस हादसे की गहन जांच में जुटी हुई है।

अंबिकापुर में तेज रफ्तार कार पेड़ से टकराई, 2 की मौत

राज्य के अंबिकापुर में भी गांधीनगर थाना क्षेत्र के चठिरमा इलाके में देर रात एक और दर्दनाक हादसा हुआ। तेज रफ्तार कार पेड़ से टकरा गई, और दुर्घटना में एक युवक और एक युवती की मौके पर मौत हो गई।

कार में कुल 5 लोग सवार थे:

  • 3 अन्य लोग गंभीर रूप से घायल

  • हादसे का CCTV फुटेज भी सामने आया है

  • सभी घायलों का अस्पताल में इलाज जारी है

इस घटना ने पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ा दी है।

आखिर कब सुधरेगी रफ्तार की रेखा?

तेज रफ्तार और लापरवाह ड्राइविंग के कारण छत्तीसगढ़ की सड़कों पर आए दिन जानें जा रही हैं। चाहे वह यात्रियों से भरी बस हो, या निजी वाहन—अनियंत्रित रफ्तार, ओवरलोडिंग और खराब रोड सेफ्टी सिस्टम आम नागरिकों की ज़िंदगियों को हर दिन संकट में डाल रहे हैं।

सवाल जो उठते हैं:

  • क्या बस ऑपरेटरों की मॉनिटरिंग पर्याप्त है?

  • सड़क सुरक्षा को लेकर प्रशासन की तैयारी कितनी प्रभावी है?

  • क्या स्थानीय प्रशासन इन घटनाओं से सबक लेगा?

निष्कर्ष:

छत्तीसगढ़ में हाल ही में हुई यह तीन बड़ी सड़क दुर्घटनाएं बता रही हैं कि सरकारी निगरानी, ड्राइवरों की जिम्मेदारी और लोगों की जागरूकता—इन सभी में सुधार की बेहद ज़रूरत है। वरना हर हफ्ते ऐसे हादसे होते रहेंगे, और सड़कों पर जानें जाती रहेंगी।

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