बेमेतरा, छत्तीसगढ़।
बेमेतरा जिले में छात्र-छात्राओं द्वारा स्कूल समय के दौरान बिना अनुमति धरना-प्रदर्शन करने की घटनाओं पर जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) ने सख्त रुख अपनाया है। डीईओ डॉ. कमल कपूर बंजारे ने स्पष्ट आदेश जारी करते हुए कहा है कि अब बिना पूर्व अनुमति के कोई भी छात्र विद्यालयीन समय में किसी भी प्रकार के धरना, प्रदर्शन या तालाबंदी जैसी गतिविधियों में शामिल नहीं हो सकता। ऐसा करने पर स्कूल प्राचार्य और संबंधित विकासखंड शिक्षा अधिकारी (BEO) को जिम्मेदार मानते हुए कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
क्या है मामला?
हाल ही में जिले के कुछ स्कूलों में छात्रों ने शिक्षकों की मांग को लेकर प्रदर्शन और तालाबंदी की। यह गतिविधियाँ विद्यालय समय के दौरान और बिना किसी अधिकृत अनुमति के की गईं, जिससे शासकीय कार्य में बाधा पहुँची और प्रशासन की साख को भी ठेस पहुँची।
डीईओ डॉ. बंजारे ने बताया कि कुछ छात्र सीधे जिला या राज्य कार्यालय जाकर शिक्षकों की नियुक्ति से संबंधित मांगों का ज्ञापन दे रहे हैं। यह तरीका न केवल अनुचित है, बल्कि छात्रों को ऐसे राजनीतिक या प्रशासनिक गतिविधियों में झोंकना भी गलत दिशा में ले जाने जैसा है।
डीईओ की सख्त चेतावनी
डीईओ डॉ. कमल कपूर बंजारे ने जिले के सभी प्राचार्यों, बीईओ और सेजेस प्राचार्यों को निर्देशित करते हुए कहा है:
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स्कूल समय में किसी भी प्रकार के प्रदर्शन या तालाबंदी की इजाज़त न दें।
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ऐसी गतिविधियों की जानकारी तत्काल उच्च कार्यालय को दें।
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लापरवाही बरतने वाले स्कूल प्रमुखों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि शिक्षकों की नियुक्ति का कार्य पूरी तरह से शासन स्तर पर प्रक्रियाधीन है और इसके लिए छात्रों को उकसाना या उनका इस्तेमाल करना असंवैधानिक है।
⚠️ आदेश का उल्लंघन = सख्त कार्रवाई
डीईओ के अनुसार, यदि कोई प्राचार्य या बीईओ आदेशों की अनदेखी करता है, तो उनके विरुद्ध प्रशासनिक दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। इससे यह स्पष्ट संकेत दिया गया है कि शिक्षा व्यवस्था में अनुशासनहीनता और प्रशासनिक लापरवाही को अब किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
छात्रों को राजनीतिक उपयोग से बचाने की कोशिश
इस फैसले के पीछे एक अहम कारण यह भी बताया जा रहा है कि छात्रों को राजनीतिक या संगठनात्मक उद्देश्यों के लिए मोहरा बनाया जा रहा है, जो शिक्षा के मूल उद्देश्य के विरुद्ध है। शिक्षा विभाग चाहता है कि छात्रों का ध्यान पढ़ाई और विकास पर केंद्रित रहे, न कि वे किसी संगठन या गुट के प्रभाव में आकर प्रशासन के कार्यों में बाधा डालें।
निष्कर्ष
बेमेतरा में जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा उठाया गया यह कदम शिक्षा व्यवस्था में अनुशासन बनाए रखने की दिशा में एक अहम प्रयास है। यह आदेश साफ करता है कि स्कूल समय का राजनीतिक या आंदोलनकारी इस्तेमाल अब नहीं चलेगा, और जो अधिकारी जिम्मेदारी से पीछे हटेंगे, उन्हें जवाबदेह ठहराया जाएगा।