वैष्णव ब्राह्मण समाज का गौरवशाली इतिहास, देश के विकास में निभा रहा अग्रणी भूमिका: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

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रायपुर, 13 जुलाई 2025।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय आज राजधानी रायपुर में आयोजित अखिल भारतीय वैष्णव ब्राह्मण सेवा संघ (चतुः संप्रदाय), मुंबई की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने वैष्णव ब्राह्मण समाज के ऐतिहासिक योगदान की सराहना करते हुए कहा कि यह समाज सनातन परंपरा का सशक्त स्तंभ रहा है, जिसने छत्तीसगढ़ सहित देशभर में सेवा, दान और धर्म के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है।


वैष्णव समाज: छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान का अभिन्न हिस्सा

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभु श्रीराम के ननिहाल और माता कौशल्या की जन्मभूमि छत्तीसगढ़ में इस अधिवेशन का आयोजन होना हम सभी के लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने याद दिलाया कि वैष्णव समाज की विभूतियों ने राज्य में दानशीलता और सेवा की अमिट छाप छोड़ी है।

राजनांदगांव की वैष्णव ब्राह्मण रियासत का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इस समाज ने कभी राजपाट तक का त्याग कर दिया। शासन-प्रशासन, धर्म-परंपरा और सामाजिक उत्थान—हर क्षेत्र में समाज की भागीदारी उल्लेखनीय रही है।


प्रतिभाओं को किया गया सम्मानित

कार्यक्रम के दौरान समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले प्रतिभागियों को मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण में वैष्णव ब्राह्मण समाज की भूमिका और भी महत्वपूर्ण होगी।


धार्मिक योजनाओं में ऐतिहासिक पहल

मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की धार्मिक योजनाओं पर भी प्रकाश डाला:

  • रामलला दर्शन योजना के अंतर्गत अब तक 22 हजार से अधिक श्रद्धालु अयोध्या में प्रभु श्रीरामलला के दर्शन कर चुके हैं।

  • मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना को पुनः प्रारंभ किया गया है, जिससे 60 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों को तीर्थ यात्रा का लाभ मिलेगा।

  • दिव्यांगजनों, विधवाओं और परित्यक्ताओं के लिए इस योजना में कोई आयु सीमा नहीं रखी गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प के तहत छत्तीसगढ़ को भी उसी दिशा में अग्रसर किया जाएगा, जिसमें वैष्णव समाज की सक्रिय भागीदारी अपेक्षित है।


️ प्रमुख नेताओं ने की समाज की सराहना

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने अपने संबोधन में वैष्णव समाज को दूरदर्शी और कल्पनाशील बताया। उन्होंने कहा कि राजनांदगांव रियासत के महंतों ने राज्य के विकास में अनमोल योगदान दिया है:

  • महंत दिग्विजय दास जी ने कॉलेज के लिए अपना महल दान दिया।

  • रेलवे के लिए भूमि और बीएनसी कॉटन मिल की स्थापना से हजारों लोगों को रोजगार मिला।

  • महंत घासीदास जी ने व्यापार को बढ़ावा देने हेतु निःशुल्क भूमि देने की घोषणा की थी।


उपमुख्यमंत्री अरुण साव का संबोधन

उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने वैष्णव समाज को सनातन धर्म का ध्वजवाहक बताते हुए कहा कि इस अधिवेशन से समाज की एकजुटता और सामाजिक चेतना को नई दिशा मिलेगी। उन्होंने समाज के युवाओं से सक्रिय भागीदारी और नेतृत्व की अपेक्षा जताई।


मंच पर उपस्थित अन्य गणमान्यजन

इस गरिमामय अवसर पर कई प्रमुख सामाजिक और राजनीतिक हस्तियां मौजूद थीं, जिनमें प्रमुख रूप से:

  • राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा

  • संघ के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री पी. एल. बैरागी

  • राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री लाल जे. के. वैष्णव

  • प्रदेश अध्यक्ष श्री राकेश दास वैष्णव

  • श्री विजय कुमार दास, श्री राघवेंद्र दास वैष्णव

  • डॉ. सौरभ निर्वाणी, श्रीमती अंजना देवी वैष्णव

  • श्री रजनीश वैष्णव सहित समाज के अनेक वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे।


निष्कर्ष

राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक के इस आयोजन ने न केवल वैष्णव ब्राह्मण समाज के सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्यों को उजागर किया, बल्कि विकसित छत्तीसगढ़ की दिशा में समाज की सक्रिय भागीदारी का आह्वान भी किया।
मुख्यमंत्री से लेकर अन्य नेताओं तक ने इस बात को दोहराया कि यदि समाज संगठित और जागरूक रहे, तो छत्तीसगढ़ को एक मॉडल राज्य बनाना कोई असंभव कार्य नहीं।

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