भू-अभिलेखों में पारदर्शिता और तकनीकी नवाचार की ओर छत्तीसगढ़: मुख्यमंत्री साय से मिले भूमि संसाधन सचिव मनोज जोशी

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रायपुर, 15 जुलाई 2025।
छत्तीसगढ़ में भूमि प्रशासन को पारदर्शी, सटीक और नागरिक-केंद्रित बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। इसी कड़ी में केंद्रीय भूमि संसाधन विभाग के सचिव मनोज जोशी ने आज मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मुलाकात कर भू-अभिलेख सुधार, डिजिटल सर्वेक्षण, और राजस्व न्यायालयों में लंबित मामलों के शीघ्र निपटारे को लेकर व्यापक चर्चा की।

इस उच्चस्तरीय बैठक में राज्य के राजस्व मंत्री टंकाराम वर्मा भी उपस्थित रहे।


मुख्यमंत्री साय का फोकस: जनहित और पारदर्शिता

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार भू-राजस्व दस्तावेजों को अद्यतन करने और राजस्व रिकॉर्ड में पारदर्शिता लाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। उनका मानना है कि जब भूमि अभिलेख सुसंगठित और आधुनिक होंगे, तभी राजस्व से जुड़ी कानूनी जटिलताएं जल्दी और प्रभावी ढंग से सुलझाई जा सकेंगी।

साय ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार केंद्र की सभी तकनीक-आधारित पहलों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करेगी, जिससे भू-अभिलेख प्रणाली को और अधिक जनहितकारी, पारदर्शी और सटीक बनाया जा सके।


डिजिटल टेक्नोलॉजी से बदलेगा भू-प्रबंधन का चेहरा

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे भूमि सर्वेक्षण और अभिलेख सुधार में डिजिटल तकनीकों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि:

“आज केंद्र सरकार तकनीक-आधारित नवाचारों के ज़रिए भू-राजस्व प्रणाली को तेज़, पारदर्शी और भरोसेमंद बनाने का प्रयास कर रही है, जिससे किसानों और आम नागरिकों को सीधा लाभ मिल रहा है।”


मनोज जोशी: छत्तीसगढ़ की स्थिति बेहतर, और भी सुधार की संभावना

केंद्रीय भूमि संसाधन सचिव मनोज जोशी ने छत्तीसगढ़ में भू-अभिलेखों की स्थिति को अन्य राज्यों की तुलना में अपेक्षाकृत बेहतर बताया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के सक्रिय सहयोग और आधुनिक तकनीकों के प्रयोग से भूमि सर्वेक्षण की प्रक्रिया अब अधिक तेज़, सटीक और भरोसेमंद हो गई है।

उन्होंने यह भी बताया कि पहले जहां भूमि सर्वेक्षण पारंपरिक तरीकों से होता था, उसमें समय और त्रुटियों की समस्या रहती थी, लेकिन अब ड्रोन, जीआईएस और सेटेलाइट आधारित डिजिटल सर्वे से इन समस्याओं का समाधान हो रहा है।


डिजिटल सर्वे से मिलेगा नागरिकों को लाभ

जोशी ने कहा कि भूमि रजिस्ट्रेशन और नक्शा अद्यतन की प्रक्रिया में अक्सर तकनीकी समस्याएं आती हैं, जिससे नागरिकों को परेशानी होती है। अब डिजिटल सर्वेक्षण के जरिए हर नागरिक को अप-टू-डेट और प्रमाणिक नक्शा उपलब्ध कराया जा सकेगा, जिससे:

  • संपत्ति विवादों में कमी आएगी

  • गड़बड़ियों पर अंकुश लगेगा

  • शहरी नियोजन को गति मिलेगी

  • नागरिकों को तेज़ और पारदर्शी सेवा मिलेगी

उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार इस दिशा में वित्तीय और तकनीकी सहायता भी राज्यों को दे रही है।


राजस्व न्यायालयों में मामलों का त्वरित निपटारा

बैठक में राजस्व न्यायालयों में लंबित मामलों के शीघ्र निपटारे पर भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि सटीक और अद्यतन भू-अभिलेख होने से न्यायालयों में भूमि विवादों के निपटारे में तेजी लाई जा सकती है।

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